किशनगंज. सूबे की सरकार स्वस्थ बिहार सशक्त बिहार के संकल्प के साथ प्रदेश के हर कोने में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसी क्रम में जिलाधिकारी विशाल राज के नेतृत्व में किशनगंज जिला प्रशासन स्वास्थ्य सेवाओं को हर घर की चौखट तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है. राज्य सरकार की मंशा है कि हर जरूरतमंद लोगों को समय पर स्वास्थ्य सेवा सुलभ हो. इस प्रयास की एक कड़ी चुरली गांव (पंचायत बेसरबाटी, प्रखंड ठाकुरगंज) में नवीन भवन युक्त अधिवृत्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना और संचालन है. केंद्र का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने किया. डीपीएम डॉ मुनाजिम, एमओआईसी, बीएचएम, स्थानीय मुखिया अनुपमा देवी व बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए. सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी लंबे समय से चिंता का विषय रही है. लेकिन अब चुरली और आसपास के गांवों जैसे करजना, बागडोल, भोगा, लोहागाड़ा आदि के लोगों को प्राथमिक चिकित्सा, टीकाकरण, मातृ-शिशु देखभाल, प्रसव पूर्व जांच, मधुमेह और बीपी की स्क्रीनिंग जैसी सुविधाएं गांव में मिलेगी. नवीन भवन में ओपीडी कक्ष, महिला परीक्षण कक्ष, प्रसव कक्ष, दवा वितरण केंद्र, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, बैठने की व्यवस्था समेत सभी आवश्यक सुविधा उपलब्ध है. एक आयुष चिकित्सक व दो एएनएम को नियुक्त है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अख्लाकुर रहमान ने बताया कि चुरली में एपीएचसी खुलन से स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हुआ है. सरकार और प्रशासन की जन सरोकार के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है. इसका फायदा सीधे स्थानीय जनता को मिलेगा. बेसरबाटी पंचायत की मुखिया अनुपमा देवी ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि चुरली जैसे सीमावर्ती और पिछड़े गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुलना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. यह सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि हमारे गांव की माताओं, बहनों, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा की गारंटी है. मैं इसके लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को धन्यवाद देती हूं. उन्होंने ग्रामीणों से भी अपील की कि वे समय-समय पर जांच कराएं, टीकाकरण करवाएं और स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा लाभ लें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है