किशनगंज.
किशनगंज शहर के डुमरिया स्थित बब्बन कुमार, दयानंद कुमार के निज आवास पर सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया गया. जिसमें चौथे दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. कथा वाचक श्री दिवाकर मिश्रा ने कथा के दौरान राजा परीक्षित का वर्णन करते हुए कहा कि श्रृंगी ऋषि के श्राप को पूरा करने के लिए तक्षक नामक सांप भेष बदलकर राजा परिक्षित के पास पहुंचकर उन्हें डंस लेते हैं और जहर के प्रभाव से राजा का शरीर जल जाता है और मृत्यु हो जाती है. लेकिन श्री मद् भागवत कथा सुनने के प्रभाव से राजा परीक्षित को मोक्ष प्राप्त होता है. पिता की मृत्यु को देखकर राजा परीक्षित के पुत्र जन्मेजय क्रोधित होकर सर्प नष्ट हेतु आहुतियां यज्ञ में डलवाना शुरू कर देते हैं जिनके प्रभाव से संसार के सभी सर्प यज्ञ कुंडों में भस्म होना शुरू हो जाते हैं तब देवता सहित सभी ऋषि मुनि राजा जनमेजय को समझाते हैं और उन्हें ऐसा करने से रोकते हैं. आचार्य ने कहा कि कथा के श्रवण प्रवचन करने से जन्मजन्मांतरों के पापों का नाश होता है और विष्णुलोक की प्राप्ति होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

