किशनगंज. बिहार में चल रहे गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य के खिलाफ पूर्व विधायक मुजाहिद आलम ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. याचिका में मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य पर रोक लगाने की मांग की गयी है. मुजाहिद आलम के समर्थकों ने याचिका दायर किये जाने को उचित ठहराया है. पूर्व विधायक कोचाधामन मुजाहिद आलम ने बताया कि किशनगंज जिले के 55 कोचाधामन विधानसभा में लगभग 2,73,000 मतदाताओं का नाम दर्ज है. एक मार्च 2003 के वोटरलिस्ट में कोचाधामन विधानसभा में उक्त वोटर्स का मात्र 50 से 55 प्रतिशत लोगों का नाम ही शामिल है. यानि कि 45 से 50 प्रतिशत मतदाताओं को अपना नाम वोटर्स लिस्ट में शामिल करने के लिए प्रमाण पत्र के साथ सी फार्म एवं घोषणा पत्र भरकर बीएलओ को 26 जुलाई से पहले समर्पित करना पड़ेगा. वरना उनका नाम 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित होने वाले वोटर लिस्ट में शामिल नहीं होगा. वे वोट देने से वंचित कर दिये जायेंगे. कोचाधामन विधानसभा की 50 प्रतिशत मतदाता ही साक्षर हैं. सिर्फ 20 प्रतिशत से कम मतदाता मैट्रिक पास हैं. ऐसे में एससी, एसटी, अल्पसंख्यक व अनपढ़ मतदाताओं का नाम प्रमाण पत्रों के अभावों में वोटर लिस्ट से हट जायेगा. यह लोकतंत्र के लिए खतरा है.
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