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सिलीगुड़ी-गोरखपुर एक्सप्रेस-वे की मंजूरी से इलाके में खुशी का माहौल

केंद्र सरकार ने उतरप्रदेश के गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक एक्सप्रेस-वे की घोषणा तीन साल पहले की थी.

ठाकुरगंज. केंद्र सरकार ने उतरप्रदेश के गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक एक्सप्रेस-वे की घोषणा तीन साल पहले की थी. इस एक्सप्रेस-वे की घोषणा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने करते हुए यह कहा था की पूर्वोतर भारत देश की राजधानी से जोड़ने के लिए यह एक महत्वपूर्ण परियोजना साबित होगी. इस घोषणा के बाद स्वीकृति भी जारी हुई, फिर सर्वे और एलाइनमेंट भी तय हुआ. एक बार एलाइनमेंट की घोषणा भी हो गई लेकिन अचानक परियोजना ठंडे बस्ते में जाने और पुन: इस परियोजना को लेकर केंद्र सरकार की स्वीकृति की बात सूबे के पथ निर्माण मंत्री के द्वारा किये जाने के बाद अब इस एक्सप्रेस वे के एलाइनमेंट को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. बताते चले 3 वर्ष पूर्व इस परियोजना को लेकर चर्चा उस वक्त शुरू हुई थी भोपाल की एक कंपनी द्वारा डीपीआर तैयार करने का काम इलाके में शुरू हुआ था. बताते चले इस सड़क का डीपीआर बनाने का जिम्मा मेसर्स एलएन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्टस प्राइवेट लिमिटेड भोपाल को दिया गया था. 23 जून 2021 को उक्त एजेंसी ने उक्त परियोजना की प्रारंभिक संरेखण रिपोर्ट के साथ विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए एनएचएआई के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. वहीं गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे निर्माण की प्रक्रिया के तहत ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र में जमीन चिन्हित कर पिलर गाड़ने का कार्य तीन साल पहले ही किया जा चुका है.

टेढ़ागाछ होकर जिले में प्रवेश करेगा एक्सप्रेस-वे

एनएचएआई द्वारा किशनगंज जिला प्रशासन को गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे की किमी 411, 400 से किमी 500, 600 तक के उन्नयन कार्य हेतु सड़क में प्रभावित जिन गांवों की सूची एनएच एक्ट 1956 के तहत 3ए में शामिल करने के लिए सोपा गया हे उसके अनुसार किशनगंज जिले में तीन अंचलो की भूमि अधिग्रहित होगी. टेढ़ागाछ अंचल से यह सड़क जिले में प्रवेश करेगी वही बहादुरगंज ठाकुरगंज होते हुए बंगाल में प्रवेश कर जायेगी. इस सूची में टेढ़ागाछ के आठ मोज़े , बहादुरगंज अंचल के 18 मोज़े वही ठाकुरगंज अंचल के 25 मोज़े शामिल होने की संभावना है.

यह था पहले का एलाइनमेंट

बताते चले तीन वर्ष पूर्व हुए सर्वे और घोषित एलाइनमेंट के अनुसार किशनगंज जिले में यह एक्सप्रेस वे टेढ़ागाछ अंचल के रहमतपुर, सुहिया, देउरी खास, घनी फुलसारा, महुआ, मियापुर और गिल्हानी के अलावे बहादुरगंज अंचल में डाबर, लोहिया कंदर, डाला, डाला मोहिउदिनपुर, अल्ताबाडी, देशिया टोली, चंदर गांव, लौचा, झींगा काटा, दह्गांव, बेसा, तेघरिया, पलासमानी, बसा जुरैल, भोरादाह, कोइमारी, सताल, बहादुरगंज, सारंडा, झिंगाकाटा इस्तमरार, धोकरपेट, गुन्जरमारी , जुरेल और चनुआर मोजा शामिल किया गया था. वही ठाकुरगंज अंचल में बेसरबाटी, कुकुरबाघी 5 ( 381 ), पथरिया, नेजागाछ, चुरली, गोथरा, करुआमनी, दल्लेगांव, नोनिया ताडी, भोगडाबर , अमलझाडी , हरिन दुबल , जीरनगच्छ , खारुदाह , बरचोंदी , कुंजिमारी, गंभीरगढ़, कठारो , सराई कुड़ी , करुआमनी ( 248 ) करुआमनी ( 175 ) लाट कुकुरबाघी, कुकुरबाघी 3 ( 378 ) मदाती, ठाकपाडा मोजा की भूमि शामिल की गई थी.

568 किमी लंबा होगा एक्सप्रेस वे

सिलीगुड़ी-गोरखपुर एक्सप्रेस-वे की कुल प्रस्तावित लंबाई करीब 568 किलोमीटर है, जिसमें 84 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में रहेगा वही 417 किमी बिहार मै बनेगा. ये एक्सप्रेस वे गोरखपुर से शुरू होकर देवरिया व कुशीनगर जनपद जोड़ते हुए बिहार में प्रवेश करेगा. बताते चले सिलीगुड़ी से गोरखपुर के बीच दूरी करीब 637 किलोमीटर है लेकिन ये दूरी नेशनल हाइवे की है, जो कई जिलों की आबादी के बीच से गुजरता है. लेकिन इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की खासियत ये है कि ये आबादी से नहीं गुजरेगा, लिहाजा ज्यादातर ये एक्सप्रेसवे सीधा ही होगा. इसी कारण इसकी लंबाई कम हो जाती है.

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