किशनगंज. गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव, बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और समय पर चिकित्सीय परामर्श सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान के तहत अब जिले में प्रत्येक माह तीन दिन विशेष एएनसी जांच शिविर आयोजित किए जाएंगे. यह व्यवस्था पहले माह के नौ और 21 तारीख को थी. अब 15 तारीख को भी इसमें जोड़ा गया है. यह कदम मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए उठाया गया है.
जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा कि सुरक्षित मातृत्व स्वास्थ्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है. हमें यह सुनिश्चित करना है कि हर गर्भवती महिला तक पूर्ण एएनसी जांच की सुविधा समय पर पहुंचे. ताकि जच्चा-बच्चा दोनों का जीवन सुरक्षित हो. प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान न केवल स्वास्थ्य सेवा का कार्यक्रम है, बल्कि यह गर्भवती महिलाओं की गरिमा और अधिकार की रक्षा का प्रतीक भी है. उन्होंने कहा उन्होंने सभी स्वास्थ्य संस्थानों और कर्मियों को निर्देश दिया कि हर माह नौ, 15 व 21 तारीख को सभी पीएचसी, हेल्थ वेलनेस सेंटर और सदर अस्पताल पर एएनसी कैंप अनिवार्य रूप से संचालित किया जाये. सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने बताया कि वर्ष 2024-25 में अब तक 8,666 गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच की गई है, जिसमें 4.7 फीसद यानी 411 महिलाएं हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की पायी गयी. अपेक्षित दर 15 फीसद होनी चाहिए. कम प्रतिशत दर्शाता है कि बड़ी संख्या में महिलाएं अभी भी एएनसी शिविरों से वंचित रह रही हैं, जिससे जांच की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. अब महीने में तीन बार शिविर लगने से अधिक संख्या में महिलाओं तक पहुंचना संभव होगा. गर्भवती महिलाओं व उनके परिजनों से कहा कि वे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर हर माह नौ, 15 व 21 तारीख को प्रसव पूर्व जांच अवश्य करायें. यह न केवल गर्भवती के जीवन की सुरक्षा है, बल्कि नवजात के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी भी है. बताया कि जिले में सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रशिक्षित मेडिकल टीम, दवाओं की उपलब्धता, निःशुल्क जांच, पोषण परामर्श, आयरन, फोलिक एसिड वितरण तथा हाई-रिस्क मामलों का त्वरित रेफरल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. आशा कार्यकर्ता गर्भवती को शिविर तक लाने में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. अभियान की सफलता के लिए जरूरी है कि समाज भी मातृत्व सुरक्षा को अपना दायित्व माने और जागरूक बने.संस्थागत प्रसव बढ़ाने में एएनसी अहम
जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनाजिम ने कहा कि प्रसव पूर्व जांच संस्थागत प्रसव की ओर पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है. “गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप, एनीमिया, शुगर, पेशाब में संक्रमण जैसी समस्याएं शुरुआती स्तर पर पहचान में आ जाती हैं, जो समय पर इलाज से पूरी तरह ठीक हो सकती हैं. उन्होंने बताया कि जिले के सभी पीएचसी, हेल्थ सब-सेंटर एवं सदर अस्पताल में निःशुल्क जांच की व्यवस्था है.पीएमएसएमए शिविर में स्वास्थ्य की पूरी जांच
महिला रोग विशेषज्ञ डॉ शबनम यास्मीन ने बताया कि पीएमएसएमए शिविरों में गर्भवती महिलाओं की रक्त, यूरिन, एचआईवी, ब्लड ग्रुप, हार्ट बीट, बीपी सहित कई अहम जांच की सुविधा है. साफ-सफाई, खानपान व व्यवहारगत सलाह भी दी जाती है. यह पहल शिशु मृत्यु दर को रोकने में कारगर है. समय पर जांच से जटिलताएं रोकी जा सकती हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है