टेली-मानस के जरिये मुफ्त मिल रही परामर्श की सुविधा, परिवार व समाज को निभानी होगी जिम्मेदारी
किशनगंज गर्भावस्था हर महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील चरण होता है. यह वह समय होता है जब एक महिला न केवल अपने शरीर में हो रहे बदलावों से गुजरती है, बल्कि भावनात्मक रूप से भी एक नए सफर की शुरुआत करती है. ऐसे में मां का मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना न केवल उसके लिए, बल्कि उसके गर्भस्थ शिशु के विकास और सुरक्षित प्रसव के लिए भी अत्यंत आवश्यक है.सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि गर्भवती को कई बार शारीरिक जाँच और पोषण की देखभाल तो मिलती है, लेकिन मानसिक स्थिति की अनदेखी कर दी जाती है. यह एक गंभीर भूल है. गर्भावस्था में लगातार मानसिक तनाव मां के साथ-साथ शिशु के मस्तिष्क और शरीर पर बुरा असर डालता है. यहां तक कि तनाव की अधिकता से गर्भपात जैसी जटिल स्थितियां भी उत्पन्न हो सकती हैं.
तनाव कम करने में परिवार की भूमिका अहम
डॉ. शबनम यास्मिन, सदर अस्पताल की महिला चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि गर्भवती महिला को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदारी उसके परिवार की बनती है. घर का खुशनुमा माहौल, पति का सहयोग, सास-ससुर का संवेदनशील व्यवहार, बच्चों की देखभाल में मदद ये सभी चीजें महिला को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाती हैं.उन्होंने सुझाव दिया कि महिलाएं दिनचर्या में हल्के योगासन और प्राणायाम को शामिल करें, यदि कामकाजी हैं तो कार्यालय में सहकर्मी सहयोगात्मक और संवेदनशील व्यवहार अपनाएं, तनाव महसूस हो तो खुलकर परिजनों से बात करें, जरूरत पड़ने पर मनोवैज्ञानिक परामर्श अवश्य लें, टेली-मानस–मानसिक स्वास्थ्य का डिजिटल सहारा गर्भवती महिलाओं सहित मानसिक तनाव झेल रहे सभी लोगों के लिए भारत सरकार की पहल टेली-मानस एक अनोखी और निःशुल्क सुविधा है. डॉ. चौधरी ने बताया कि टेली-मानस हेल्पलाइन के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से बात कर सुझाव लिए जा सकते हैं. इसके लिए दो टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं:
जागरूकता फैलाने को लेकर भी गंभीर प्रयास
सिविल सर्जन ने बताया कि जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम इकाई द्वारा लगातार टेली-मानस की जानकारी गांव-गांव, अस्पतालों, एएनएम और आशा के माध्यम से दी जा रही है ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इससे लाभ उठा सकें.-स्वस्थ मां, स्वस्थ शिशु के लिए अपनाएं ये उपाय-संतुलित आहार लें, जिसमें विटामिन, आयरन और फोलिक एसिड शामिल हों-मसालेदार, तली-भुनी चीजों से बचें-प्रतिदिन हल्का व्यायाम करें-बुखार या किसी परेशानी में घबराएं नहीं, डॉक्टर से सलाह लें-घर में पैरासिटामोल, विटामिन C, फोलिक एसिड, जिंक और बी कॉम्प्लेक्स रखें–कोरोना जैसे लक्षण होने पर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र जाएं-समय पर टीकाकरण और नियमित जांच जरूर कराएं-तनाव से बचने के लिए मनपसंद गतिविधियों में शामिल हों – संगीत, चित्रकला, पुस्तक पठन आदि-समाज को निभानी होगी संवेदनशील जिम्मेदारी
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