प्रतिनिधि, किशनगंज गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना बेहद जरूरी है. सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिला की खुराक इस प्रकार होनी चाहिए, जिससे बढ़ रहे भ्रूण, मां के स्वास्थ्य का रख-रखाव, प्रसव के दौरान आवश्यक शारीरिक स्वास्थ्य और सफल स्तन-पान कराने की क्रिया के लिए आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके, गर्भस्थ शिशु का विकास माता के आहार पर निर्भर होता है. सदर अस्पताल में कार्यरत महिला चिकित्सिक डॉ. शबनम यास्मिन ने बताया कि गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के अंतर्गत अपने स्वास्थ्य का परीक्षण कराते रहना चाहिए. रक्तचाप, वजन, हेमोग्लोबिन, यूरिन आदि की जाँच की सुविधा मुफ्त मिलती है. कोई समस्या महसूस हो तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. महिला चिकित्सिक डॉ शबनम यास्मिन ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को भोजन में 2400 कैलोरी व सामान्य महिला को स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन 2100 कैलोरी का आहार लेना चाहिए. ताकि विटामिन, मिनिरल्स अधिक मात्रा में प्राप्त हो. डॉ शगुफ्ता प्रवीण ने बताया कि गर्भावस्था में महिला को प्रतिदिन 60 से 70 ग्राम प्रोटीन मिलना चाहिए. गर्भस्थ शिशु के विकास में प्रोटीन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. प्रोटीनयुक्त आहार में दूध और दूध से बने व्यंजन, मूंगफली, पनीर, काजू, बदाम, दलहन, मांस, मछली, अंडे आदि को शामिल करें. कैल्शियम, फोलिक एसिड युक्त भोजन करें. न्यूनतम तीन लीटर पानी हर दिन पीना चाहिए. सूजन में कमी लाने के लिए कम नमक वाले आहार का सेवन करें.
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