पश्चिम बंगाल में टैबलेट घोटाले का तार भी किशनगंज से जुड़ा था
साइबर अपराध का मामला, दोनो घोटाले में एक मास्टरमाइड होने की आशंकाप्रतिनिधि, ठाकुरगंज. पहले पश्चिम बंगाल में टैबलेट घोटाला और अब झारखण्ड में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में घोटाला और दोनों के तार सीमांचल से जुड़ने के बाद इन दोनों योजनाओं में घोटाले के तार जुड़ने लगे है. बताते चले बंगाल के टैबलेट घोटाले की राशि इलाके के दर्जनों ग्रामीणों के बैंक खाते में क्रेडिट हुआ था ये जानकारी सार्वजनिक होते ही कई बैंक खाते फ्रिज किये गए थे. जिसमे ठाकुरगंज स्टेट बैंक से जुड़े दर्जन भर बैंक खाते थे जो ज्यादातर सीएसपी द्वारा संचालित किया जाता है. इस गिरोह के तार सीमावर्ती उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा से जुड़ा था. चोपड़ा से इस मामले में गिरफ्तारी भी हुई थी. उसी तरह अब झारखंड के मंईयां सम्मान योजना के तार जिस तरह ठाकुरगंज प्रखंड से जुड़े है लोगों को संदेह होने लगा है की क्या दोनों योजनाओं में सेंध लगाने वाले मास्टर माइंड एक ही है .
क्या था टैबलेट घोटाला
पश्चिम बंगाल सरकार ने साल 2022 में ‘तरुणेर स्वपन’ योजना की घोषणा की थी. इसके तहत कक्षा 11 और 12 के छात्रों को टैबलेट खरीदने के लिए 10 हज़ार रुपए देने की बात थी. हालांकि, स्कूल अधिकारियों और कई पैरेंट्स ने शिकायत की कि 2024 में एलिजबल छात्रों के अकाउंट में पैसे नहीं आए. इस धोखाधड़ी के खिलाफ बंगाल के कई पुलिस स्टेशन में मामले दर्ज किए गए हैं. शिकायत में बताया गया कि पश्चिम बंगाल शिक्षा विभाग की वेबसाइट को हैक करके स्कूली छात्रों को दिए जाने वाले टैबलेट और स्मार्टफोन के लिए धनराशि निकाल ली गई थी. इस मामले में उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा से 3 और मालदा से एक गिरफ़्तारी हुई थी. यह साइबर धोखाधड़ी उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा से संचालित की जा रही थी. इसका तरीका झारखंड के जामताड़ा गैंग की गतिविधियों जैसा था, जिसे देश की फिशिंग राजधानी ” के नाम से जाना जाता है.
ठाकुरगंज एसबीआई ने कई खाते किये थे फ्रीज
बताते चले अक्टूबर 2024 में बंगाल के लिउसिपाकुरी शाखा से मिले पत्र के बाद ठाकुरगंज एसबीआई ने कई ऐसे बैंक खाते फ्रीज किये थे. जिसमें तरुणेर स्वपन’ योजना की राशि जमा हुई थी, इसमें कई लोग खारुदाह, पतेसरी, फाटामारी, बरचोंदी इलाके के शामिल थे .अब झारखंड के मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में घोटाले से जुड़े तार
झारखंड सरकार की मंईयां सम्मान योजना का लाभ लेने वाले लिस्ट में ठाकुरगंज प्रखंड के 39 मुस्लिम महिलाओ का नाम आने के बाद फिर से सीमांचल में बड़े साइबर अपराधियों के सक्रिय होने के कयास लगाये जाने लगे है. इस फर्जीवाड़ा मे ठाकुरगंज के 39 और उतर दिनाजपुर के चोपड़ा थाना के 133 मुस्लिम महिलाओं के नाम का शामिल है. इनपर फर्जी तरीके से सरकारी राशि के निकासी का आरोप में गालूडीह पुलिस थाने में कांड संख्या 21/25 के तहत मामला दर्ज किया गया है. ये कयास लगाये जा रहे है कि फर्जी दस्तावेज के जरिए बंगाल व बिहार के 172 मुस्लिम महिलाओं के बैंक खाता में प्रथम किस्त के 2,500 रुपये के तहत 9 लाख 57 हजार रुपये भेजे गए .
क्या है मंईयां सम्मान योजना
बताते चले इस योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक है कि महिला झारखंड की निवासी हो और महिला की उम्र 18 से 50 वर्ष तक हो. उनका आधार से जुड़ा सिंगल बैंक खाता हो और मतदाता पहचान पत्र व आधार कार्ड हो. आवेदिका का परिवार झारखंड राज्य की अंत्योदय अन्न योजना के तहत राशन कार्ड धारक हो.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है