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एनसीडी स्क्रीनिंग: पत्रकारों के लिए विशेष कैंप, कलम की ताकत के साथ अब सेहत भी रहेगी दुरुस्त

बीमारियां चुपचाप शरीर को अंदर से कमजोर कर देती हैं और जब तक इनके लक्षण प्रकट होते हैं,

-अब तक 2,33,815 लोगों की हुई स्क्रीनिंग, हर नागरिक के लिए जरूरी है यह स्वास्थ्य जांचकिशनगंज

हमारे समाज में पत्रकारों की भूमिका उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी एक डॉक्टर या शिक्षक की. खबरें लिखने, सच्चाई को उजागर करने और समाज को जागरूक करने में व्यस्त रहने वाले ये लोग अक्सर अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन अब सेहत को नजरअंदाज करने का समय नहीं है, बल्कि सतर्क रहने का वक्त है! इसी उद्देश्य से आज किशनगंज प्रेस क्लब में एनसीडी स्क्रीनिंग विशेष कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें पत्रकारों, फोटोग्राफरों और मीडिया कर्मियों की ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, वजन, बीएमआई और अन्य जरूरी स्वास्थ्य जांच की गई. गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया की हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और अन्य गैर-संचारी रोग आज दुनिया भर में मौतों का एक बड़ा कारण बन रहे हैं. सबसे खतरनाक बात यह है कि ये बीमारियां चुपचाप शरीर को अंदर से कमजोर कर देती हैं और जब तक इनके लक्षण प्रकट होते हैं, तब तक मामला गंभीर हो सकता है. लेकिन सही समय पर स्क्रीनिंग और इलाज से इनका प्रभावी नियंत्रण संभव है.

पत्रकारों के लिए जरूरी है स्वास्थ्य जांच – डीएम

इस मौके पर जिला पदाधिकारी विशाल राज ने कहा कि पत्रकार दिन-रात खबरों की दौड़ में रहते हैं, लेकिन अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पाते. एनसीडी बीमारियां छुपकर हमला करती हैं, और जब तक इनके लक्षण दिखते हैं, तब तक मामला गंभीर हो सकता है. इसलिए यह जरूरी है कि हर व्यक्ति, खासकर पत्रकार, अपनी नियमित जांच कराएं.

एनसीडीओ डॉ उर्मिला कुमारी का निरीक्षण, जागरूकता पर जोर

शिविर का निरीक्षण कर रही एनसीडीओ डॉ उर्मिला कुमारी ने कहा कि पत्रकार समाज की आवाज होते हैं, लेकिन उन्हें अपनी सेहत की भी चिंता करनी होगी. एनसीडी स्क्रीनिंग सिर्फ एक जांच नहीं, बल्कि एक बचाव योजना है, जो हमें भविष्य की गंभीर बीमारियों से बचा सकती है. एनसीडी बीमारियों से बचाव के लिए हमें सतर्क रहना होगा. लोग अक्सर यह सोचकर जांच नहीं कराते कि वे स्वस्थ हैं, लेकिन कई बार गंभीर बीमारियां बिना किसी लक्षण के विकसित हो जाती हैं. यह स्क्रीनिंग हमें समय रहते सतर्क रहने का अवसर देती है. इस अभियान की निगरानी कर रहे सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने कहा कि एनसीडी बीमारियां धीमे जहर की तरह होती हैं, जो धीरे-धीरे शरीर को कमजोर कर देती हैं. लेकिन सही समय पर जांच और इलाज से इनसे बचा जा सकता है. हम चाहते हैं कि किशनगंज का हर नागरिक स्वस्थ रहे और इस अभियान का लाभ उठाए.

एनसीडी स्क्रीनिंग अभियान में अब तक 2,33,815 लोगों की हुई जांच

सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने बताया कि जिले में एनसीडी स्क्रीनिंग विशेष अभियान तेजी से चल रहा है और अब तक 2,33,815 लोगों की जांच पूरी हो चुकी है.उन्होंने कहा कि यह अभियान सिर्फ एक जांच प्रक्रिया नहीं है, बल्कि लोगों को स्वस्थ रखने और गंभीर बीमारियों से बचाने की एक रणनीति है. हम हर व्यक्ति तक यह सुविधा पहुंचाना चाहते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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