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सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष जांच शिविर का आयोजन

सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष जांच शिविर का आयोजन

किशनगंज. स्वास्थ्य विभाग की यह मान्यता है कि हर गर्भवती महिला को सुरक्षित मातृत्व और स्वस्थ शिशु का अधिकार है. इसके लिए समय पर जाँच, पोषण व परामर्श जरूरी है. इस उद्देश्य के तहत किशनगंज जिले में मातृ स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने और शिशु-मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है. जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडलीय, रेफरल तथा जिला अस्पतालों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत विशेष प्रसव पूर्व जांच शिविरों का आयोजन किया गया. जांच शिविरों में महिलाओं के वजन, रक्तचाप, ब्लड शुगर, एचआईवी की जांच, आयरन व कैल्शियम की आपूर्ति के साथ कोविड टीकाकरण भी किया गया. इस विशेष दिवस पर आयोजित शिविरों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी गर्भवती महिला प्रसव पूर्व आवश्यक जांच से वंचित न रह जाए. सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना के तहत जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों में शनिवार को 500 से अधिक गर्भवती महिलाओं की जांच की गई. इनमें कई हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी के मामले चिह्नित किए गए हैं. ऐसे मामलों को विशेष निगरानी में रखा जा रहा है.

सुरक्षित मातृत्व के लिए नियमित जांच जरूरी

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन ने निरीक्षण के दौरान कहा कि “प्रसव पूर्व जांच किसी भी जटिलता को प्रारंभिक अवस्था में पहचानने का जरिया है. चार बार जांच कराना अत्यंत जरूरी है. यह व्यवस्था न केवल सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देती है, बल्कि शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में भी मददगार है.” उन्होंने यह भी बताया कि संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रोत्साहन राशि भी प्रदान कर रही है. ग्रामीण महिलाओं को सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर ₹1400 शहरी महिलाओं को ₹1000 प्रसव के लिए नि:शुल्क 102 एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध

मातृत्व सुरक्षा के साथ परिवार नियोजन पर भी विशेष जोर

महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शबनम यास्मीन ने बताया कि प्रसव के बाद जल्दी पुनः गर्भधारण महिलाओं की सेहत पर विपरीत असर डालता है. इसे रोकने के लिए महिलाओं को परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधनों जैसे कंडोम, माला-डी, कॉपर-टी, अंतरा इंजेक्शन एवं नसबंदी के बारे में जानकारी दी गई. उन्होंने बताया कि महिला चिकित्सकों, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा शिविर में मौजूद महिलाओं को व्यक्तिगत रूप से परामर्श दिया गया ताकि वे स्वेच्छा से सुरक्षित विकल्पों को अपनाएं. डॉ. अनवर ने कहा कि “गर्भावस्था के दौरान आयरन और कैल्शियम की गोलियों का नियमित सेवन अत्यंत आवश्यक है, जिससे गर्भवती महिला और उसके गर्भस्थ शिशु का शारीरिक और मानसिक विकास ठीक से हो सके. यह मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुधार का आधार है.

हर महिला को मिले समान स्वास्थ्य सुविधा

सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की यह मंशा है कि कोई भी महिला जांच से वंचित न रह जाए. इसी को लेकर पीएमएसएमए के अंतर्गत हर महीने की 9 व 21 तारीख को विशेष शिविर का आयोजन होता है, जिसे जन आंदोलन के रूप में लिया जाना चाहिए. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा चलाई जा रही यह पहल न केवल जनसंख्या स्थिरीकरण की दिशा में मददगार है, बल्कि यह महिलाओं के अधिकार, गरिमा और स्वास्थ्य की रक्षा भी करती है. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने की दिशा में एक सशक्त पहल है. जांच, परामर्श, पोषण और परिवार नियोजन के बहुआयामी प्रयासों से यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं को हर संभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है. इस प्रयास की सफलता तभी संभव है जब समाज जागरूक बने. हर परिवार यह सुनिश्चित करे कि उसके घर की हर महिला इस सुविधा से लाभान्वित हो.

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