किशनगंज टीबी को लेकर आज भी लोगों को जानकारी की कमी है. कई मानते है कि टीबी सिर्फ सांस से जुड़ी बीमारी है लेकिन लोगों को यह समझना होगा कि फेफड़ों के अलावा भी टीबी कई प्रकार की होती है. जैसे दिमाग की टीबी. ऐसे तो दिमाग की टीबी एक-दूसरे से नहीं फैलती लेकिन, जब फेफड़ों की टीबी से संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता है तो संक्रमण का डर रहत है. टीबी उन्मूलन को लेकर पूरे देश में युद्धस्तर पर प्रयास चल रहे है. सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने बताया कि इस दिशा में जिले में भी कई स्तर पर कार्य किये जा रहे हैं. टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए समाज के सभी वर्ग के लोगों को एकजुट होने की जरूरत है. सभी की सहभागिता से ही टीबी को हराया जा सकता है.
ब्रेन टीबी के लक्षण
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया कि ब्रेन टीबी के मरीजों को प्रारंभिक दौर में सुबह जगने के बाद चक्कर और उल्टी जैसा लगता है. हमेशा सिर दर्द बना रहता है और यह दर्द दवाइयां खाने के बाद भी नहीं जाता. इन लक्षणों को मरीज मामूली न समझें. ऐसे लक्षण ब्रेन टीबी के भी हैं. ब्रेन टीबी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है. अगर टीबी का कोई भी लक्षण महसूस हो तो तुरंत चिकित्सक से मिलना चाहिए. ये खतरे का कारण बन सकता है. टीबी मेनिनजाइटिस के लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे दिखाई देते है जो हफ्ते दर हफ्ते गंभीर होते जाते हैं. शुरुआत में यह लक्षण सामान्य लगते हैं, जिन्हें पहचानना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना, हल्का फीवर रहना, बीमारी बढ़ने पर गर्दन में अकड़न, लगातार सिरदर्द होना, उलझन महसूस होना, अधिक गुस्सा करना आदि लक्षणों को मरीज मामूली न समझे.
नोटिफिकेशन के तत्काल बाद रोगी के खाते में होगा भुगतान
जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने इस संबंध में बताया कि पहले टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन व उपचार आरंभ होने के बाद लगातार छह महीने तक उनके खातों में निक्षय पोषण योजना के तहत प्रति माह 1000 रुपये का भुगतान किया जाता था. नये गाइडलाइन के मुताबिक अब पहले किस्त के रूप में 3000 रुपये उपलब्ध कराया जायेगा ताकि उक्त राशि का उपयोग कर मरीज अपने पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा कर सके.
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