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ठाकुरगंज से अररिया तक ट्रेन से सफर का सपना जल्द होगा साकार

ठाकुरगंज से अररिया तक ट्रेन से सफर का सपना जल्द होगा साकार

ठाकुरगंज. भारत-नेपाल सीमा पर बसे किशनगंज और अररिया जिले में दूरदराज के इलाकों के हजारों परिवारों का सपना जल्द साकार होनेवाला है. जल्द ही गलगलिया-अररिया रेल खंड पर ट्रेन की सिटी गूंजेगी. इस रेल खंड पर ट्रेन सेवाओं के उद्घाटन का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. लोगों की उम्मीदों को रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) सुमित सिंघल का वैधानिक निरीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न होते ही हवा मिली है. 09 जुलाई को शुरू हुआ यह व्यापक निरीक्षण 11 जुलाई को संपन्न हुआ. इस दौरान इस रूट पर स्पीडी ट्रायल भी सफलतापूर्वक पूरा हो गया. इससे रणनीतिक रूप से इस महत्वपूर्ण मार्ग पर पूर्ण रेल परिचालन का मार्ग प्रशस्त हो गया है. इस दौरान पूर्वोतर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि सीआरएस प्राधिकरण मिलने के साथ यह पूरा सेक्शन सुरक्षित और निर्बाध यात्री एवं मालगाड़ियों के आवागमन को तैयार होगा.

क्या होता है सीआरएस निरीक्षण

सीआरएस निरीक्षण का मतलब रेलवे संरक्षा आयोग द्वारा किया जाने वाला निरीक्षण है. यह निरीक्षण रेलवे लाइनों, पुलों और अन्य रेलवे सुविधाओं की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है. सीआरएस निरीक्षण, रेल अधिनियम, 1989 के तहत, रेलवे के संरक्षा से संबंधित मुद्दों पर कार्य करता है. यह निरीक्षण मुख्य रूप से संरक्षा नियामक निकाय के रूप में काम करता है, जिसका उद्देश्य शून्य दुर्घटना सहनशीलता के लिए मजबूत संरक्षा उपायों की वकालत करना है.

काफी महत्वपूर्ण है यह परियोजना

अररिया- गलगलिया परियोजना एक प्रमुख बुनियादी संरचना पहल है. इस परियोजना में 64 बड़े पुल, 264 छोटे पुल और 15 नये रेलवे स्टेशनों का निर्माण हुआ है, जो इस परियोजना के इंजीनयरिंग पैमाने और जटिलता को रेखांकित करते है. ये घटक इस लाइन की परिचालनिक रीढ़ हैं, जो पूरे क्षेत्र में सुदृढ़ कनेक्टिविटी, सुरक्षा और सेवा दक्षता सुनिश्चित करते हैं.

सीमांचल के लिए गेम चेंजर साबित होगी यह योजना

अररिया-गलगलिया नयी रेल लाइन परियोजना 110.75 किमी की है. नयी रेल लाइन बिहार के पूर्वी हिस्से को कवर करेगी. यह परियोजना सेक्शनों की भीड़ कम करने में मदद करेगी. इस परियोजना से आस-पास के क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होगा. इससे उक्त क्षेत्र में अधिक संख्या में ट्रेनों की आवाजाही शुरू करने में भी मदद मिलेगी. इससे इस अंचल के लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. ईंधन की बचत और यात्रा समय में कमी के अलावा परिवहन लागत कम होने से आसपास के क्षेत्रों के आर्थिक परिदृश्य में भी काफी सुधार होगा. माल परिवहन भी सस्ता हो जाएगा.

वर्षों का सपना हुआ साकार

जदयू के पूर्व विधायक नौशाद आलम ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले अररिया-ठाकुरगंज (गलगलिया ) नयी रेल लाइन पर ट्रेनें दौड़ने लगेंगी. इस परियोजना के शुरू होने के बाद किशनगंज और अररिया के पिछड़े इलाके के विकास के द्वार खुलेंगे.

तीन चरणों में हुआ निरीक्षण

मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया की अररिया-गलगलिया रेलखंड पर अररिया-अररिया कोर्ट-रहमतपुर सेक्शन (8.24 किमी) अप्रैल 2024 में चालू कर दिया गया. इसके बाद पौआखाली-ठाकुरगंज सेक्शन (23.24 किमी) नवंबर 2024 में चालू किया गया. सीआरएस निरीक्षणों के सफल समापन के साथ अंतिम और सबसे लंबा सेक्शन-रहमतपुर से पौआखाली (79.77 किमी) भी चालू हो गया. इससे संपूर्ण अररिया-गलगलिया ब्रॉडगेज कॉरिडोर का निर्माण पूरा हो गया है. नवनिर्मित लाइन को अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की गति से परिचालन के लिए अधिकृत किया गया है.

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