ठाकुरगंज. अररिया रेलवे कोर्ट–(ठाकुरगंज) गलगलिया नई रेल परियोजना का ट्रायल रन सोमवार को संपन्न हुआ. इस दौरान ट्रॉयल ट्रेन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी. रहमतपुर, खवासपुर, लक्ष्मीपुर, कुर्साकाटा, बरदाहा और कालियागंज, बीबीगंज, पौवाखाली होते हुए ठाकुरगंज रेलवे स्टेशन पर 11:45 पर ट्रेन पहुंची. रेल सूत्रों ने बताया कि इस दौरान बड़ी संख्या में आम नागरिक स्टेशनों पर मौजूद थे और अपने सपनों को पूरा होता देख रहे थे.
गुणवत्ता जांचने के लिए किया परीक्षण
ट्रायल रन में जीएम कंस्ट्रक्शन अरुण कुमार चौधरी, अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह, बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री विजय मंडल के साथ रेलवे अधिकारी मौजूद थे. ट्रायल रन पूर्ण होने के बाद ठाकुरगंज स्टेशन पर जीएम कंस्ट्रक्शन ने बताया कि इस परियोजना की गुणवत्ता जांचने के लिए ही ट्रायल रन किया है. उन्होंने बताया कि अब जल्द ही इस रेल लाइन का सीआरएस निरीक्षण होगा.वर्षों का सपना हुआ साकार
इस दौरान भाजपा के अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले अररिया-ठाकुरगंज (गलगलिया) नई रेल लाइन पर ट्रेनें दौड़ने लगेंगी, इस परियोजना के शुरू होने के बाद किशनगंज और अररिया के पिछड़े इलाके के विकास के द्वार खुलेंगे.राष्ट्रीय सुरक्षा परियोजना में शामिल है यह परियोजना
रक्षा मंत्रालय द्वारा सुपौल-अररिया और अररिया से गलगलिया तक प्रस्तावित नई रेललाइन प्रोजेक्ट को सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानते हुए गलगलिया-अरर्रिया परियोजना को राष्ट्रीय सुरक्षा परियोजना में शामिल कर लिए जाने के बाद लोगों को उम्मीद जगी है कि राष्ट्रीय सुरक्षा परियोजना के कारण इसका निर्माण तेजी से होगा. वर्ष 2006 को तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव व तत्कालीन स्थानीय सांसद मो0 तस्लीमुद्दीन द्वारा उक्त न्यू बीजी रेललाइन परियोजना का शिलान्यास किया गया था. पर 12 वर्ष बीत जाने के बावजूद उक्त रेल योजना को विभागीय उदासीनता के कारण अमलीजामा नहीं पहनाया गया है, जबकि मोदी सरकार ने वर्ष 2014 में अपने पहले रेलबजट में उक्त रेल परियोजना को आगे बढ़ाने व भूमि अधिग्रहण कार्य हेतु रेलवे व जिला प्रशासन को राशि भी आबंटित कराई थी.सीमांचल के लिए गेम चेंजर साबित होगी यह योजना
अररिया-गलगलिया नई लाइन परियोजना 110.75 किमी की है. नई रेल लाइन बिहार के पूर्वी हिस्से को कवर करेगी. यह परियोजना सेक्शनों की भीड़ कम करने में मदद करेगी. परियोजना से आस-पास के क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होगा. इससे उक्त क्षेत्र में अधिक संख्या में ट्रेनों की आवाजाही शुरू करने में भी मदद मिलेगी, जिससे इस अंचल के लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. ईंधन की बचत और यात्रा समय में कमी के अलावा परिवहन लागत कम होने से आसपास क्षेत्रों के आर्थिक परिदृश्य में भी काफी सुधार होगा. माल परिवहन भी सस्ता हो जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है