किशनगंज.प्रजनन स्वास्थ्य और सुरक्षित गर्भ समापन विषय पर मिडिया को संवेदनशील एवं जन जन तक पहुंचने में सहयोग की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कार्यशाला का आयोजन पीरा मल फाउंडेशन, किशनगंज के सभागार में किया गया. यह कार्यक्रम स्थानीय संस्था जन निर्माण केन्द्र, किशनगंज एवं औलिया आध्यात्मिक अनुसंधान केन्द्र औलिया दरबार, वैशाली एवं आई पास एलायंस केन्या के सहयोग से किया गया. औलिया अध्यात्मिक अनुसंधान केन्द्र के राम कृष्णा ने कहा कि 20 सप्ताह तक का गर्भ समापन कभी भी जरुरत के अनुसार प्रशिक्षित डॉक्टर के द्वारा सरकारी हॉस्पिटल में या मान्यता प्राप्त प्राइवेट हॉस्पिटल में कराया जा सकता है. 24 सप्ताह तक का गर्भ समापन विशेष परिस्थिति में दो प्रशिक्षित डॉक्टर के द्वारा कराया जा सकता है. 24 सप्ताह से ज्यादा समय का गर्भ का गर्भसमापन में मेडिकल बोर्ड के सलाह के अनुसार किया जा सकता है. अगर गर्भ में पल रहे बच्चे जन्म जात विकृति वाला हो, गर्भवती महिला की जान को खतरा होने पर, गर्भ निरोधक साधनों के विफल हो जाने पर, अविवाहित महिला गर्भवती होने पर, बलात्कार पीड़िता के गर्भवती होने पर, केवल सरकारी अथवा मान्यताप्रात प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रशिक्षित डॉक्टर से करवाना चाहिए. स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल जो मान्यता प्राप्त न हो, लिंग जांच इसका आधार हो, नीम हकीम अथवा दाई द्वारा गर्भसमापन किया गया हो, असुरक्षित उपकरण और घरेलू तरीकों द्वारा गर्भसमापन किया गया हो आदि यह सब असुरक्षित या अवैध गर्भसमापन होता है. गर्भसमापन के बाद महिलाओं को गर्भनिरोधक गोली, अंतरा सूई, कॉपर टी, कंडोम आदि का उपयोग करना चाहिए. क्यों कि बार बार गर्भपात कराना भी शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ पर खराब प्रभाव पड़ता है. अधिनियम 1971 तथा संशोधित अधिनियम 2021 में इस बात का ध्यान रखा गया गया है. इस कार्यक्रम में जन निर्माण केन्द्र के राकेश कुमार, आजाद इंडिया फाउंडेशन से गीतिका शर्मा, पीरा मल फाउंडेशन से अश्वनी कुमार ने अपना विचार व्यक्त किया.
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