किशनगंज. मुहर्रम की 10वीं तारीख पर रविवार को शहर के चूड़ीपट्टी, फल चौक, सौदागर पट्टी, रूईधासा खानकाह, खगड़ा आदि जगहों से पहलाम के लिए ताजिया जुलूस निकाला गया. इस दौरान अकीदतमंदों की या अली, या हुसैन की सदा से शहर गूंज उठा था. ताजिया पर गुलाब जल बरसाया जा रहा था. अकीदमंदों ने ताजिया को चूमा और फूल बरसाते रहे, शहर के मुख्य मुख्य बाजार के फल- चौक से चूड़ी पट्टी तक वाहनों की आवाजाही कुछ देर के लिए रोकी दी गयी थी. फल चौक पर ताजिया पहुंचने के इंतजार में लोगों की भीड़ जमी रही. चूड़ीपट्टी की ओर ताजिया फल चौक होकर पहुंचा. इस दौरान पीछे-पीछे बड़ा हुजूम या अली या अली, या हुसैन, या हुसैन की सदा कर रहा था. रास्ते में जगह- जगह सामाजिक संगठनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अकीदमंदों के लिए पेयजल व शरबत की व्यवस्था की थी. फल चौक पर सेंट्रल कमेटी का ताजिया आगे-आगे पहुंचा. इसके पीछे अन्य कमेटी के ताजिया जुलूस फल चौक पर पहुंचे.
कर्बला में लगा मेला
कर्बला में मेला लगा था. मेला में शाही कचौड़ी, दही बड़े, पापड़, चाट, झालमूढ़ी आदि की कई दुकानें सजी हुई थी. मेला देखने के लिए किशनगंज के अलावे बंगाल के सीमावर्ती जिले के भी लोग आये थे.
इमामबाड़ा किशनगंज हटिया से निकला जुलूस
रविवार को शिया समुदाय के इमामबाड़ों पर जिक्र-ए-हुसैन और उनके अनुयायी की शहादत के बारे में मजलिस होती रही. इमामबाड़ा किशनगंज हटिया व अन्य शिया इमामबाड़ा में मरसिया व नौहा खानी का दौर चलता रहा. अलम व ताबूत का जुलूस निकाला गया, जो हजरत इमाम हुसैन की सवारी हुआ करता था. जुलूस किशनगंज हटिया इमामबाड़ा से चूड़ीपट्टी, फल चौक होते हुए इमामबाड़ा पहुंचा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है