लखीसराय.
पिछले दिनों आयी आंधी-बारिश से जिले भर में 25 प्रतिशत फसल की क्षति हुई हुई. कृषि विभाग द्वारा आकलन के बाद रिपोर्ट तैयार कर डीएम मिथलेश मिश्र को भेजा गया है. लेकिन जिले के कई जगहों पर अबतक झुग्गी-झोपड़ी व जानमाल के हुए नुकसान का आकलन अबतक नहीं किया गया है. फसल क्षति की आकलन रिपोर्ट निदेशक कृषि विभाग को भेजी जायेगी. जिला कृषि पदाधिकारी सुबोध कुमार सुधांशु ने बताया कि कुल फसल के 25 प्रतिशत क्षति का आकलन किया गया है. 75 प्रतिशत फसल की कटिंग कर थ्रेडिंग किया जा चुका था. शेष 25 प्रतिशत ही फसल खेत में पड़ा हुआ था. जिसकी क्षति का आकलन किया गया है. डीएओ ने कहा कि क्षति के आकलन के बाद उच्च अधिकारी से जिस तरह का आदेश प्राप्त हो होगा, उसके अनुसार अगली कार्रवाई की जानी है. जिले में एक दिन बाद एक दिन आंधी तूफान से सबसे अधिक गेहूं का फसल बर्बाद हुआ है. शेष फसल आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है.अधिकांश दलित महादलित टोला में नुकसान
फसल क्षति के अलावे झुग्गी झोपड़ी को भी नुकसान हुआ है. किसी का छप्पर तो किसी की फूस की दीवार बर्बाद हो चुकी है. जिसकी सहायता के लिए अभी तक कोई हाथ आगे नहीं बढ़ा है और न ही सीओ द्वारा राजस्व कर्मचारी को भेजकर आकलन कराया जा रहा है. झुग्गी झोपड़ी अधिकांश दलित महादलित टोला में नुकसान हुआ है, फिर भी किसी महादलित को किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिला है. झुग्गी झोपड़ी के अलावा आंधी तूफान से सदर अंचल के चोटहा गांव में एक अधेड़ की मौत हो गयी, लेकिन सदर अंचल के सीओ द्वारा किसी भी अंचल कर्मी को भेजना मुनासिब नहीं समझा गया. आपदा प्रबंधन पदाधिकारी शशि कुमार ने बताया कि झुग्गी झोपड़ी उड़ने या क्षतिग्रस्त होने पर पीड़ित को मुआवजे देना है. इसके साथ ही आपदा से मौत होने पर चार लाख मुआवजा देने का प्रावधान है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है