लखीसराय.
बुद्ध पूर्णिमा पर सोमवार की अपराह्न जिला मुख्यालय स्थित लाली पहाड़ी पर जिलादाधिकारी मिथिलेश मिश्रा की अध्यक्षता में विशेष कार्यक्रम आयोजित की गयी. कार्यक्रम में अपर समाहर्ता सुधांशु शेखर, उप विकास आयुक्त सुमित कुमार, प्रभारी पदाधिकारी पर्यटन शशि कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी लखीसराय यदुवंश राम, बीजेपी अध्यक्ष दीपक कुमार एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे. बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर इस वर्ष लखीसराय की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक भूमि लाली पहाड़ी पर एक अनोखा और अत्यंत शुभ कार्यक्रम आयोजित किया गया. यह आयोजन इसलिए भी विशेष रहा क्योंकि लगभग 1200 वर्षों के बाद इस पवित्र स्थल पर विधिवत पूजा-अर्चना सम्पन्न की गयी. लाली पहाड़ी, जिसे अनेक विद्वानों और स्थानीय मान्यताओं के अनुसार गुरु पद्मसंभव की तपोभूमि और जंगडोक पलरीसे जोड़ा जाता है, आज फिर से अपने प्राचीन गौरव को प्राप्त कर रही है. बुद्ध पूर्णिमा पर आयोजित इस समारोह में क्षेत्र के श्रद्धालुओं, बौद्ध अनुयायियों, शोधकर्ताओं तथा सांस्कृतिक प्रेमियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया.इस पुनर्पूजा का उद्देश्य न केवल इस पावन धरोहर को सम्मान देना था, बल्कि नयी पीढ़ी को भी इसकी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता से परिचित कराना था. पूजा विधि के दौरान प्राचीन मंत्रोच्चार, ध्यान, दीप प्रज्ज्वलन और गुरु पद्मसंभव तथा भगवान बुद्ध की स्तुति की गयी. यह आयोजन इस बात का प्रतीक है कि भारत की विलुप्तप्राय आध्यात्मिक परंपराएं अब पुनर्जीवित हो रही हैं और लखीसराय जैसे स्थान, जो गुरु पद्मसंभव और मां मंडारवा के जीवन से जुड़े हुए हैं, उन्हें वैश्विक बौद्ध मानचित्र पर पुनः स्थापित किया जा रहा है. यह शुभारंभ आने वाले समय में लाली पहाड़ी को एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.धर्म की पुनः स्थापना, संस्कृति का जागरण यही इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी उपलब्धि है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है