बड़हिया/लखीसराय. जिलेवासियों के लिए एक बड़ी और बहुप्रतीक्षित खुशखबरी आयी है. अब पासपोर्ट बनवाने के लिए उन्हें पटना का रूख नहीं करना होगा. विदेश मंत्रालय की पहल पर एक से तीन जुलाई तक लखीसराय में पासपोर्ट सेवा मोबाइल वैन कैंप का आयोजन किया जा रहा है. गुरुवार को डीएम मिथिलेश मिश्र ने एक बयान जारी कर कहा कि कैंप समाहरणालय कार्यालय परिसर में लगेगा और आमजन को सीधे उनके ही शहर में पासपोर्ट संबंधी सभी सुविधाएं प्रदान करेगा. कैंप के माध्यम से प्रतिदिन 55 आवेदकों को अपॉइंटमेंट स्लॉट मिलेगा. इसमें दस्तावेजों का सत्यापन, बायोमेट्रिक प्रक्रिया और आवेदन की प्रोसेसिंग तक की सभी सेवाएं एक ही छत के नीचे दी जायेगी. इससे न सिर्फ समय और धन की बचत होगी, बल्कि बुजुर्गों, महिलाओं और विद्यार्थियों को भी बहुत राहत मिलेगी. अब तक लखीसराय जिले के निवासियों को पासपोर्ट बनवाने के लिए पटना स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्रों पर जाना पड़ता था. अपॉइंटमेंट मिलने में लंबे इंतजार, यात्रा की लागत और समय की बर्बादी आम समस्याएं थीं. कई बार दस्तावेजों में मामूली त्रुटियों के कारण लोगों को बार-बार चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब इस मोबाइल वैन सेवा के माध्यम से यह प्रक्रिया बहुत सरल हो जायेगी. इस सुविधा के पीछे एक अहम पहल का भी योगदान है.
विदित हो कि 31 जनवरी 2025 को बड़हिया निवासी कमलेश कुमार के आवेदन पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर को पत्र लिखकर लखीसराय में पासपोर्ट सेवा शुरू करने का अनुरोध किया था. इस पत्र का सकारात्मक असर हुआ और मंत्रालय ने इस दिशा में कदम उठाते हुए जिले में पासपोर्ट सेवा वैन कैंप लगाने का निर्णय लिया.पासपोर्ट बनवाने में इन कागजातों की पड़ेगी जरूरत
जो नागरिक पासपोर्ट बनवाना चाहते हैं, वे अपने सभी आवश्यक दस्तावेज पहले से तैयार रखें. आधार कार्ड, पैन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, पते का प्रमाण, दो पासपोर्ट साइज फोटो आवश्यक है. लखीसराय में पासपोर्ट सेवा की यह सुविधा शुरू होने की खबर से जिले में खुशी की लहर है. छात्र, नौकरी की तलाश में लगे युवा, विदेश यात्रा की तैयारी कर रहे नागरिकों व अन्य आमजनों ने सरकार की इस पहल का स्वागत किया है. स्थानीय ग्रामीणों का कहा, “अब हमें बार-बार पटना नहीं जाना पड़ेगा. इससे बहुत सुविधा होगी और पैसा भी बचेगा. लखीसराय में पासपोर्ट सेवा का आना एक ऐतिहासिक कदम है, जो न सिर्फ सरकारी सेवाओं की पहुंच को गांव और जिलों तक ला रहा है, बल्कि ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ की सोच को भी साकार कर रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है