ठाकुरगंज
शहर में जाम का मुख्य कारण ई-रिक्शा बने हुए हैं. इन पर किसी प्रकार का अंकुश प्रशासन नहीं लगा पा रहा है. शहर के लोगों का कहना है कि अगर शहर में इनका रूट तय हो जाए तो जाम से निजात मिलने की उम्मीद है, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है. इसकी वजह से ही बस स्टैंड से लेकर मस्तान चौक तक विभिन्न स्थानों के सामने समेत बाजार में दिन भर जाम लग रहा है. प्रशासन ने कई बार इन पर लगाम लगाने की कोशिश की, लेकिन कोई खास असर नहीं हुआ. सख्ती से दो-चार दिन समस्या से निजात मिल जाता, बाद में व्यवस्था पुराने ढर्रे पर लौट आती है. जानकारों के अनुसार इन दिनों ठाकुरगंज शहर में लगभग छह सौ ई-रिक्शा दौड़ रहे है, हालांकि नगर पंचायत ने इनके रजिस्ट्रेशन का प्रयास शुरू किया था लेकिन सरकारी आदेशानुसार यह रजिस्ट्रेशन केवल परिवहन विभाग कर सकता है, इसलिए नगर पंचायत का यह प्रयास सफल नहीं हो पाया.ई-रिक्शा के लिए कोई स्टैंड नहीं
शहर में ई-रिक्शा चालकों को किसी स्टैंड से कोई मतलब नहीं होता. टेंपों चालकों के लिए भी कोई स्टैंड नहीं है वे जहां मन वहीं वाहन खड़ा कर रास्ते को जाम कर देते है. वही हाल ई-रिक्शा चालक का भी है वे भी जहां चाहे वहां स्टैंड बना लेते हैं. बीच बाजार में खड़े होकर सवारियों को बैठाने से जाम लग जाता है. शहर में हॉस्पिटल मोड, महावीर स्थान, सोनार पट्टी, जैन मंदिर आदि जगह दिनभर जाम लग रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है