बड़हिया. धार्मिक सेवा में समर्पित जीवन जीने वाले वलीपुर, पिपरिया के मूल निवासी शिक्षाविद मोहन पाठक का निधन रविवार को हो गया. वे 77 वर्ष के थे और बीते छह दशकों से अधिक समय से बड़हिया में रहकर सतत रूप से पूजा-पाठ, यज्ञ-हवन एवं धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से समाज की सेवा करते आ रहे थे. उनके निधन की खबर मिलते ही पूरे बड़हिया क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गयी. रविवार दोपहर उनका पार्थिव शरीर बड़हिया स्थित जगदंबा स्थान के पास किराये के मकान के बाथरूम में संदेहास्पद स्थिति में मिला. शरीर पर चोट के निशान थे. प्रारंभिक अनुमान के अनुसार उनका निधन हृदयाघात या ब्रेन हेमरेज के कारण हुआ बताया जा रहा है. मोहन पाठक ने महज 14 वर्ष की उम्र में ही बड़हिया को अपनी कर्मभूमि बना लिया था और जीवनपर्यंत निष्ठा से धर्म और समाज की सेवा करते रहे. स्थानीय लोगों के अनुसार वे अत्यंत सरल स्वभाव, करुणा और परोपकार की मूर्ति थे. उनकी आध्यात्मिक सेवा और आचरण को लोग वर्षों तक याद रखेंगे. उनके निधन को क्षेत्र में एक युग के अंत के रूप में देखा जा रहा है. परिवार में तीन पुत्र और दो पुत्रियां हैं. छोटा पुत्र निरंजन पाठक सामाजिक गतिविधियों में काफी सक्रिय रहे हैं और वर्तमान में एयरटेल पेमेंट्स बैंक में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं. ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को इस असीम दुख को सहने की शक्ति दे.
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