लखीसराय. जिले में पहली बार स्थायी लोक अदालत स्थापित किया गया है. जिसमें एक अध्यक्ष सहित दो सदस्यों को नियुक्त किया गया है. जिनके द्वारा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश लखीसराय के समक्ष अपना अपना योगदान देकर पदभार ग्रहण कर अपना कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा नियुक्त तीन सदस्यों में अध्यक्ष पद पर अवकाश प्राप्त अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनकामेश्वर प्रसाद चौबे के साथ गैर न्यायिक सदस्य के रूप में साकेत चंद्र समैयार एवं राकेश चंद्र लोहिया ने अपना पदभार ग्रहण कर कार्य प्रारंभ किया. इस संबंध में स्थायी लोक अदालत के गैर न्यायिक सदस्य समैयार ने बताया कि यह स्थायी लोक अदालत के नाम से जाना जाता है. यह निरंतर चलने वाली अदालत है, जो जनहित के लिए कार्य करेगी. इसके तहत परिवहन, डाक, बीमा, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, टेलीफोन, नगर परिषद, अस्पताल आदि अन्य जन उपयोगी सेवाओं से संबंधित विभागों एवं इससे पीड़ित पक्षकारों के बीच विवादों का निपटारा आपसी सुलह व समझौता के आधार त्वरित समाधान कराने का प्रयास भी करती है. किसी कारणवश प्रयास विफल हो जाने पर यह अदालत गुण दोष के आधार पर भी निर्णय ले सकती है. उन्होंने कहा कि इस अदालत में प्री लिटिगेशन केस फाइल होगा. इस अदालत से पारित अवार्ड के खिलाफ किसी भी न्यायालय में अपील भी नहीं की जा सकती है. इसका अवार्ड अंतिम होता है. साथ ही पक्षकारों के मध्य विवादों की सुनवाई उक्त पीठ के द्वारा तेजी से होती है. जिसमें कोई न्याय शुल्क नहीं लगता है. जबकि लोक अदालत के पास गवाहों को बुलाने, दस्तावेजों की मांग, शपथ पर साक्ष्य लेना एवं अन्य कई प्रकार के अधिकार प्रदत्त हैं. जो जनपयोगी है. इसका उद्देश्य विवादों को सुलझाने हेतु पक्षकारों के बीच उनकी समस्या व विवादों को समझौते पर लाकर त्वरित तथा किफायती न्याय उपलब्ध कराना है. उन्होंने कहा कि विशेष जानकारी के लिए इस अदालत एवं अन्य कानूनी पहलुओं पर जनसाधारण जिला विधिक सेवा प्राधिकार लखीसराय से प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए कई कानून के जानकार लोग इस प्राधिकार से जुड़े हैं.
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