लखीसराय. नागपंचमी को लेकर बाजारों में कटहल एवं आम की बिक्री जोरो पर है. शहर के विद्यापीठ चौक, नयी बाजार व सब्जी मंडी में कटहल एवं आम काफी मात्रा में देखा जा सकता है. इस बार मंगलवार को नागपंचमी मनाया जाना है. नाग पंचमी के दिन लोग धान का लावा और दूध नाग देवता के लिए एकांत में रखते हैं. इस दिन लोग कटहल का कोवा एवं आम के साथ दूध का पकवान के साथ पूरी और सब्जियां का जमकर लुफ्त उठाते हैं. मंगलवार यानि 15 जुलाई के अलावा कुछ लोगों के द्वारा 29 जुलाई को भी नागपंचमी मनायेंगे. मान्यता के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा के पांच दिन बाद नागपंचमी मनाया जाता है. वहीं कुछ लोग सावन माह के अमावस्या के पांच दिन बाद भी नागपंचमी मनाते हैं.
इस संबंध में आचार्य परमानंद पांडे ने बताया कि मंगलवार को नाग पंचमी मनाया जा रहा है. इस दिन विषहरी की पूजा होती है. जबकि अमावस्या के पांच दिन बाद और इस बार 29 जुलाई को मनाये जाने वाली नागपंचमी के दिन नाग की पूजा होती हैं.बभनगांमा में पारंपरिक रीति से मनायी जाती नागपंचमी
वभनगांमा गांव में एक अरसे से परंपरिक रीति रिवाज से नागपंचमी मनायी जाती है. वर्षों से पूजा के लिए सेवानिवृत्त सह वभनगांमा निवासी मृत्युंजय सिंह ने बताया कि इस गांव में नागपंचमी के दिन उनके परिवार के यहां से दूध मंदिर भेजा जाता है, जिसके बाद मंदिर में पूजा अर्चना कर मिट्टी के बर्तन में दूध रख दिया जाता है. सुबह वह बर्तन उल्टा हुआ मिलता है. नागपंचमी के दिन मंदिर परिसर में मेला का आयोजन होता है एवं धूमधाम से पूजा पाठ किया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है