सूर्यगढ़ा में दुग्ध उत्पादकों का सम्मेलन संपन्न दूध उत्पादक संघ लखीसराय द्वारा बड़ी दुर्गा मंदिर सूर्यगढ़ा में कार्यक्रम का किया गया आयोजन दूध उत्पादक सिर्फ दूध दाता ही नहीं जीवनदाता है सूर्यगढ़ा. स्थानीय बड़ी दुर्गा मंदिर परिसर में गुरुवार को स्वामी सहजानंद सरस्वती की 75 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर दुग्ध उत्पादक संघ लखीसराय द्वारा दुग्ध उत्पादकों का सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में काफी संख्या में दुग्ध उत्पादक शामिल हुए. सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि दूध उत्पादक सिर्फ दूध दाता ही नहीं जीवनदाता है. किसान ही असली भगवान है. भगवान की खोज में स्वामी सहजानंद सरस्वती ने संयासी बन दर-दर भटके, हिमालय की गुफाओं, नदियों, पहाड़ों, जंगलों, मंदिरों का भ्रमण किया. धर्म शास्त्रों का गहन अध्ययन कर भगवान को ढूंढे, परंतु भगवान का दर्शन उन्हें किसानों के बीच हुआ. दुर्भाग्य है कि वह किसान आज सबसे ज्यादा शोषित और अपेक्षित है. अपमान का घूंट पीकर जिंदगी जीने के बदले आत्महत्या करने को वे मजबूर है. बरौनी डेयरी में आज भी जमींदारी प्रथा लागू है. हमारी समितियां डर से अपने शोषण-दोहन के विरुद्ध आवाज भी नहीं उठा सकता, यदि आवाज उठाते हैं, तो विभिन्न प्रकार से उन्हें प्रताड़ित किया जाता है. चौकीदारों ने भी संगठित होकर प्रतिकार किया और इज्जत हासिल की. समिति के सचिव और अध्यक्षों को भी संगठित होकर अपनी लड़ाई लड़नी होगी, तभी न्याय मिलेगा. उक्त बातें बरौनी डेयरी के पूर्व अध्यक्ष मोहन मुरारी जी ने सम्मेलन में दूध उत्पादकों को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने बरौनी डेयरी में व्याप्त धांधली के खिलाफ जमकर बरसे. उन्होंने कहा सरकार में उच्च पदों पर बैठे अधिकारी इस भ्रष्ट प्रभारी एमडी को बचा रहे है. बरौनी डेयरी से जुड़े दो लाख दूध उत्पादक संगठित होकर अपने जुझारू संघर्ष के बदौलत बरौनी डेयरी से लुटेरों को भगायेंगे और डेयरी को बचायेंगे. इस अवसर पर वरिष्ठ किसान नेता अशोक प्रसाद सिंह ने स्वामी सहजानंद सरस्वती की जीवनी और उनके कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा की जब भी जहां भी किसान अपने हकमारी के खिलाफ खड़ा होते है, स्वामी जी हमारे बीच होते हैं. विश्व विख्यात किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती के किसान आंदोलन और उनके जीवन पर अध्ययन करने के लिए अमेरिका से प्रो वाल्टर हाउजर भारत आये. स्वामी जी पर शोध किया और उनके शोध पर आधारित पुस्तकों की पढ़ाई अमेरिका के वर्जीनिया विश्वविद्यालय में होता है. उन्होंने दूध उत्पादकों को संबोधित करते हुए कहा कि अपनी जान को जोखिम में डालकर देश के लिए दूध का उत्पादन कर दुनिया में भारत का नाम रौशन करने वाला किसान आज दाने-दाने को मुहताज है. दुर्भाग्य है कि अपना खून जलाकर दूध जैसे अमृत पैदा करने वाले किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. आपको संगठित होकर अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी और बरौनी डेयरी को बर्बाद कर अमूल की तरह कंपनी बनाने की साजिश के खिलाफ संगठित होकर संघर्ष करना होगा. उसके लिए अपने संगठन को मजबूत करना होगा. अपने हकमारी के खिलाफ आवाज बुलंद करना होगा. इस अवसर पर बरौनी डेयरी के निदेशक मंडल के सदस्य दीपक कुमार ने कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कहा कि डेयरी प्रबंधन हमारे कुछ निदेशक मंडल के सदस्यों को गुलाम बनाकर बरौनी डेयरी को लूट रहा है. इस लूट से बरौनी डेयरी को बचाने के लिए दूध उत्पादक किसान, समिति के अध्यक्ष एवं सचिव संगठित होकर संघर्ष के रास्ते आगे बढ़ेंगे. इस अवसर पर किसान नेता संतोष ईश्वर ने स्वामी जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती एवं पंडित कार्यानंद शर्मा जी ने जो रास्ता हमें दिखाया है. उसी रास्ते पर चलकर हम अपने हक को हासिल करेंगे. उन्होंने कहा निकलो घर मकानों से, जंग लड़ो बेईमानों से. कन्वेंशन की अध्यक्षता कमला प्रसाद सिंह अध्यक्ष सरलाही ने किया. सर्व प्रथम स्वामी सहजानंद सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि एवं श्रद्धांजलि देकर कन्वेंशन शुरू हुआ. सम्मेलन को अशोक कुमार सिंह, संजय कुमार, जयशंकर कुमार, सुधीर चौधरी, प्रभा शंकर, गौतम कुमार, सुमन कुमार, नारायण सिंह, राजीव कुमार, महेश यादव, रंजीत प्रसाद मेहता, अनिल कुमार, रवि कुमार, नवीन साव आदि ने प्रदर्शन को संबोधित किया.
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