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तीन लाख रुपये का इनामी कुख्यात नक्सली रावण कोड़ा ने किया सरेंडर

विगत कुछ समय से एसपी अजय कुमार के निर्देशन में जिले के पीरीबाजार, कजरा, बन्नूबगीचा व चानन थाना क्षेत्र के जंगली इलाकों में सर्च ऑपरेशन चल रहा है

लखीसराय.

विगत कुछ समय से एसपी अजय कुमार के निर्देशन में जिले के पीरीबाजार, कजरा, बन्नूबगीचा व चानन थाना क्षेत्र के जंगली इलाकों में सर्च ऑपरेशन चल रहा है. इसमें एसटीएफ, एसएसबी कजरा व बन्नूबगीचा समेत लखीसराय पुलिस बल की संयुक्त टीम शामिल है. इसी का परिणाम है कि मुंगेर, लखीसराय एवं जमुई जिले के 26 से ज्यादा मामलों में वांछित हार्डकोर नक्सली एरिया कमांडर रावण कोड़ा ने शनिवार को एसपी कार्यालय में सरेंडर कर दिया. रावण कोड़ा 15 वर्षों से फरार चल रहा था और उसपर तीन लाख रुपये का इनाम भी था. शीतला कोड़ासी निवासी मोगल कोड़ा के पुत्र रावण कोड़ा ने एसपी कार्यालय में एसपी अजय कुमार के समक्ष सरेंडर किया. इस दौरान रावण कोड़ा की पत्नी धतिया देवी समेत परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद थे. इस संबंध में एसपी अजय कुमार ने अपने कार्यालय कक्ष में प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि नक्सली रावण कोड़ा बिहार ही नहीं, बल्कि झारखंड व छत्तीसगढ़ में भी काफी सक्रिय रहा है. इसके बारे में और जानकारी जुटायी जा रही है. एसपी ने बताया कि चानन थाना क्षेत्र के कुंदर हॉल्ट के निकट धनबाद-पटना इंटरसिटी में हमला कर यात्री समेत पुलिस जवान व पदाधिकारी की हत्या कर हथियार लूट मामले में रावण कोड़ा की प्रमुख भूमिका रही थी. इसके अलावा वर्ष 2022 में महुलिया से धर्मवीर यादव के अपहरण एवं उसके घर पर गोलीबारी, पीरीबाजार से डीलर पुत्र के अपहरण एवं पुलिस से मुठभेड़, वर्ष 2018 में मुंगेर जिला के खड़गपुर में झील निर्माण में लगे सात वाहनों को जलाकर आठ मजदूरों का अपहरण कर लेने, वर्ष 2021 में मुंगेर में आजीमगंज मुखिया परमानंद टूडू की गला रेतकर हत्या तथा कई पुलिस मुठभेड़ समेत दो दर्जन से ज्यादा संगीन नक्सली कांडों में रावण कोड़ा संलिप्त था. एसपी ने बताया कि रावण कोड़ा को उग्रवादियों के समर्पण सह पुनवार्सन नीति के तहत देय अन्य सुविधाओं के अतिरिक्त ढाई लाख रुपये, इसपर घोषित तीन लाख रुपये एवं रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण भत्ता अधिकतम तीन वर्षों तक प्रतिमाह 10 हजार रुपये वित्तीय सहायता के तहत प्रदान की जायेगी. एसपी ने बताया कि उनके समक्ष आत्मसमर्पण किये जाने के बाद कजरा थाना की पुलिस उसे अपनी अभिरक्षा में लेकर आगे की कार्रवाई कर रही है.

रावण कोड़ा पर लखीसराय, मुंगेर व जमुई जिले में हैं 26 मामले दर्ज

रावण कोड़ा पर जिले के चानन थाने में चार, पीरीबाजार थाने में छह तथा कजरा थाने में सात नक्सली मामले दर्ज हैं. पड़ोसी जिला मुंगेर के लड़ैयाटांड़ में तीन, खड़गपुर में तीन तथा बरियारपुर में एक मामला दर्ज है. इसी तरह जमुई जिला में बरहट व खैरा में एक-एक मामला दर्ज है. रावण कोड़ा क्षेत्र का एरिया कमांडर बताया जा रहा है. जानकारों की मानें, तो रावण के सरेंडर किये जाने से क्षेत्र में कोई भी हार्डकोर नक्सली नहीं बचा है. इससे यह माना जा रहा है कि लखीसराय जिला नक्सल मुक्ति के कगार पर पहुंच चुका है. रावण कोड़ा इन तीन जिलों के अलावा छत्तीसगढ़ व झारखंड राज्य में भी सक्रिय था. इसके सरेंडर कर दिये जाने से पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है.

अन्य नक्सलियों से भी एसपी ने की सरेंडर करने की अपील

प्रेसवार्ता के दौरान एसपी अजय कुमार ने क्षेत्र के अन्य नक्सलियों से भी सरेंडर करते हुए सरकार की योजनाओं का लाभ लेने तथा समाज की मुख्यधारा में जुड़कर आदर्श नागरिक बनने की अपील की. साथ ही उन्होंने कहा कि क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है.

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