सूर्यगढ़ा.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिपरिया स्थित सभा भवन में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के आलोक में ग्रामीण चिकित्सकों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. पीएचसी प्रभारी डॉ संजय कुमार ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र के पंजीकृत ग्रामीण चिकित्सकों को कालाजार व फलेरिया रोग के लक्षण, उपाय व निदान सहित अन्य विषयों को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है. प्रशिक्षण में ग्रामीण चिकित्सकों को कालाजार के प्रकार के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी. इसके साथ ही सरकार से कालाजार प्रमाणित होने पर कालाजार पीड़ित व्यक्ति को प्रतिमाह 7100 रुपये देने का प्रावधान है. मौके पर पीरामल फाउंडेशन के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर राहुल वात्सायन, भीबीडीएस विनोद कुमार चौबे, भीबीडीसी नरेंद्र कुमार, भीडीसीओ भगवान दास, पीरामल फाउंडेशन की ललिता कुमारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अमन नजर आदि मौजूद रहे. ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षण के दौरान इन बीमारियों के बारे में गहराई से समझने में मदद मिली. उनकी विशेषज्ञता और मार्गदर्शन ने इस प्रशिक्षण को और भी प्रभावी बनाया. यह महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम पीरामल फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसने कालाजार और फाइलेरिया उन्मूलन के प्रयासों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. कालाजार और फाइलेरिया उन्मूलन के लिए रणनीतियों पर चर्चा की गयी, जिसमें सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता के महत्व पर जोर दिया गया. चिकित्सकों को इन बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के उपायों के बारे में भी जानकारी दी गयी. प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण चिकित्सकों को कालाजार और फाइलेरिया के बारे में जागरूक करना और उन्हें इन बीमारियों के निदान, उपचार और रोकथाम में सक्षम बनाना है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में इन बीमारियों के प्रसार को कम करने में मदद मिलेगी और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी. कालाजार और फाइलेरिया उन्मूलन पर आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने ग्रामीण चिकित्सकों को इन बीमारियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की और उन्हें इनके निदान, उपचार और रोकथाम में सक्षम बनाया. इससे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और इन बीमारियों के प्रसार को कम करने में मदद मिलेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है