लखीसराय. जिले के किऊल नदी तट स्थित खगौर गांव का एक हिस्सा रिहायशी इलाके के रूप में उभर रहा है लंबे समय के बाद जिले को सेंट्रल स्कूल का अपना भवन मिला है. वहीं किऊल थाना का अपना भवन निर्माण भी कराया जा रहा है. जबकि वहां पर पूर्व से ही मध्य एवं उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय स्थित है. हाल ही के दिनों में कर्पूरी छात्रावास का निर्माण भी कराया गया एवं छात्रावास में छात्रा भी रहने लगी है. उस जगह पर वाहन चलाने का ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भी खोलने की योजना है, लेकिन सभी तरह का शिक्षा का इंस्टीट्यूट होने के बाबजूद भी नदी के पानी व बाढ़ से बचने के लिए तटबंध निर्माण की कोई चर्चा नहीं है. जिससे कि सेंट्रल स्कूल समेत अन्य शिक्षण संस्थान पहुंचने वाले रास्ते एवं स्कूल, थाना एवं छात्रावास का चहारदीवारी की सुरक्षा नहीं हो पायेगी.
ग्रामीणों ने चहारदीवारी निर्माण के लिए उठायी मांग
स्कूल एवं बच्चों की सुरक्षा के लिए ग्रामीणों ने सुरक्षा तटबंध निर्माण की मांग जिलाधिकारी एवं सेंट्रल स्कूल के प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है. खगौर पंचायत के पैक्स अध्यक्ष प्रतिनिधि मणिकांत कुमार यादव ने कहा कि किऊल नदी कभी कभी रातों रात उफान मारने लगती है. वहीं अब किऊल नदी किनारे सेंट्रल स्कूल सहित कई अन्य भवन भी बन गये हैं जिस वजह से तटबंध की आवश्यकता है. वहीं समाजसेवी नवल मंडल ने कहा कि नदी में पानी आने पर सुरक्षा तटबंध नहीं रहने से किऊल स्टेशन की दोनों ओर से आवागमन किये जाने वाले पुल के नीचे का रास्ता भी अवरुद्ध हो सकता है. तटबंध हो जाने से इससे हमेशा के लिए राहत मिलेगी. वहीं पैक्स प्रबंधक रविकांत यादव ने कहा कि सुरक्षा तटबंध आवश्यक है. सुरक्षा तटबंध नहीं रहने से स्कूल प्रबंधन थाना स्टाफ एवं स्कूली बच्चों को काफी प्रशासनिक सामना करना पड़ सकता हैं.बोले प्रिंसिपल
सेंट्रल स्कूल के प्रिंसिपल मिहिर कुमार ने बताया कि नदी के वाटर लेवल के सौ साल का इतिहास को देखते हुए आठ फिट का आधारभूत संचरणा का निर्माण कराया गया है. जिससे कि स्कूल के भवन को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है