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कोसी-मिथिला से मगध की दूरी अब घटेगी, गया-किऊल रेलखंड पर सरफेस ट्राइंगल का काम पूरा

गया-किऊल रेलखंड पर सरफेस ट्राइंगल का काम पूरा हो गया है, जिसके बाद किऊल-लखीसराय स्टेशन पर लोड कम हो जाएगा. सीआरएस ने कुरौता-पतानेर और अशोक धाम रेलवे स्टेशन के बीच सरफेस ट्राइंगल का निरीक्षण किया. सरफेस ट्राइंगल चालू होने के बाद मोकामा-बरौनी से आने वाली ट्रेनें शेखपुरा जाए बिना किऊल-लखीसराय पहुंच सकेंगी. किऊल और लखीसराय स्टेशनों पर मालगाड़ियों का लोड भी कम हो जाएगा. साथ ही कोसी-मिथिला से मगध की दूरी भी कम हो जाएगी

लखीसराय जिला मुख्यालय स्थित पटना-किऊल व गया-किऊल रेल लाइन को जोड़ने वाला सरफेस ट्रायंगल बनकर पूरा होने के बाद उसका मंगलवार को पूर्वी परिमंडल कोलकाता के संरक्षा आयुक्त रेलवे सुवोमोय मित्रा के द्वारा निरीक्षण किया गया. आठ किलोमीटर लंबे उपरोक्त कुरौता-पटनेर से अशोक धाम रेलवे स्टेशन के बीच नयी विद्युतीकृत बीजी रेल लाइन सरफेस ट्रायंगल का मोटर ट्रॉली द्वारा निरीक्षण किया गया. इसके उपरांत रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा इस रेलखंड पर विशेष ट्रेन द्वारा सफलतापूर्वक स्पीड ट्रायल भी किया गया.

निरीक्षण के दौरान मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/निर्माण/दक्षिण रामाश्रय पांडेय, दानापुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक जयंत कुमार चौधरी सहित निर्माण विभाग तथा दानापुर मंडल के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे. बता दें कि कुरौता पतनेर स्टेशन किऊल-गया रेल लाइन पर स्थित एक स्टेशन है. जबकि अशोकधाम स्टेशन पटना-झाझा मेन लाइन पर स्थित है. वर्तमान में गया-किऊल रेलखंड से आने वाली ट्रेनों को यदि पटना की ओर जाना होता है तो ट्रेन पहले किऊल जाती है, फिर वहां इंजन का रिर्वसल किया जाता है तब फिर पटना की ओर ट्रेन आती है.

गया से पटना जाने वाली ट्रेन को नहीं जाना होगा किऊल

इस संबंध में जानकारी देते हुए पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने बताया कि इस सरफेस ट्रायंगल के चालू हो जाने से अब गया की ओर से पटना की ओर आने वाली ट्रेनें बिना किऊल गये कुरौता पतनेर स्टेशन से सीधे अशोकधाम स्टेशन आ जायेगी. इससे इंजन रिवर्सल की जरूरत नहीं होगी. जिससे संरक्षित परिचालन के साथ ही समय पालन में काफी सुधार होगा.

सरफेस ट्रायंगल चालू होने से नयी ट्रेनों के भी परिचालन की बनी संभावना

बता दें कि वर्तमान में इस सरफेस ट्रायंगल के चालू हो जाने से किऊल व लखीसराय स्टेशन पर विशेष कर मालगाड़ी का भार कम होगा. बरौनी व मोकामा से गया की ओर जाने वाली ट्रेन अब बिना किऊल व लखीसराय पहुंचे सीधे अपने गंतव्य की ओर रवाना हो सकेगी. इसके साथ ही कोसी व मिथिला क्षेत्र से सीधे मगध क्षेत्र गया के लिए कुछ पैसेंजर ट्रेन भी आने वाले समय में संचालित किये जाने की संभावना जतायी जा रही है. जिसका जिला मुख्यालय स्थित अशोक धाम व कुरौता-पतनेर स्टेशन पर ठहराव भी मिल सकता है. जिससे जिले वासियों को फायदा मिल सकता है.

अशोक धाम से कुरोटा पतनेर सरफेश ट्रायंगल पर दौड़ेगी अब ट्रेन

दानापुर रेल मंडल के मनकट्ठा एवं लखीसराय स्टेशन के बीच मंगलवार को संरक्षा आयुक्त रेलवे सुवोमोय मित्रा द्वारा निरीक्षण के उपरांत अशोक धाम से कुरौता पतनेर सरफेश ट्राइंगल को फिट सर्टिफिकेट दे दिया गया है. कमिश्नर ऑफ रेल सेफ्टी द्वारा सबसे पहले सरफेश ट्रायंगल के रेलवे लाइन का बारीकी से निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान रेल पटरी एवं इस पर बिछाये गये गिट्टी की ऊंचाई रेलवे लाइन के क्लिप आदि का भी जायजा किया गया.

धाम से कुरौता-पतनेर तक हुआ निरीक्षण

निरीक्षण अशोक धाम से कुरौता-पतनेर तक किया गया. जिसके बाद कुरोटा से अशोक धाम तक स्पेशल ट्रेन से तीव्र गति से स्पीडी ट्रायल कराया गया. पुनः ट्रेन को अशोक धाम से कुरौता तक स्पीडी ट्रायल कराया गया. इसके बाद संरक्षा आयुक्त रेलवे के द्वारा फिटनेस सर्टिफिकेट दिया गया. जिससे अब सरफेस पर ट्रेन दौड़ने लगेगी. ट्रायल लगभग तीन घंटे तक चली. इस बीच ट्रेन की स्पीड काफी तेज गति चली. साढ़े छह किलोमीटर सरफेस की दूरी स्पीडी ट्रायल के दौरान पांच मिनट में दूरी तय की गयी.

फूलों से सजाया गया अशोक धाम स्टेशन

स्पीडी ट्रायल कार्यक्रम को ले अशोक धाम स्टेशन को फूलों से सजाया गया. मंगलवार की सुबह आठ बजे सुबह के बाद सरफेस ट्राइंगल का निरीक्षण अशोक धाम से शुरू किया गया. इससे पहले किऊल रेलवे स्टेशन के कुछ प्रशासनिक अधिकारी के निगरानी में अशोक धाम स्टेशन को आकर्षक रूप से सजाया गया. स्टेशन पर टेंट आदि की व्यवस्था की गयी थी. कार्यक्रम के दौरान एसएस विकास कुमार चौरसिया, आरपीएफ इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिंह, आईओ डब्लू रंजय कुमार समेत और अन्य सभी अधिकारी मौजूद थे.

सरफेस ट्राइंगल चालू हो जाने से मिथिला से मगध क्षेत्र की दूरी होगी कम

जिला मुख्यालय स्थित दो रेल मार्गों को सीधे जोड़ने के लिए सदर प्रखंड के कुरौता पतनेर व अशोक धाम स्टेशन के बीच नवनिर्मित सरफेस ट्राइंगल के पूर्ण हो जाने के बाद उसके संरक्षा आयुक्त रेलवे के द्वारा स्वीकृत कर दिये जाने के बाद यह मार्ग आने वाले समय में मील का पत्थर साबित हो सकता है. सरफेस ट्राइंगल चालू हो जाने से विशेष कर कोसी व मिथिलांचल से मगध क्षेत्र गया व झारखंड जाने के लिए एक आसान मार्ग बन जायेगा. इसके साथ ही इस मार्ग पर ट्रेनों के परिचालन प्रारंभ होने से क्षेत्र का भी विकास संभव हो सकेगा.

वर्तमान में बात करें तो विशेष कर मालगाड़ी के परिचालन में सुविधा नजर आ रही है, लेकिन आने वाले समय में इस मार्ग से पैसेंजर ट्रेनों का भी परिचालन किये जाने की चर्चा है. इस मार्ग से कोसी व मिथिलांचल से ट्रेनों को अशोक धाम व कुरौता पतनेर होकर ट्रेनों को वाया शेखपुरा तिलैया होते हुए गया व झारखंड के लिए ट्रेन जा सकेगी. इससे विशेषकर वैसे लोगों को फायदा होगा जिन्हें किऊल व लखीसराय पहुंचकर इन मार्गों के लिए ट्रेन बदलनी पड़ती थी. उन्हें अब अपने गंतव्य के लिए सीधे ट्रेन मिलने की संभावना बनती दिख रही है.

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हॉल्ट से अब अशोक धाम बन गया स्टेशन

लखीसराय-मनकट्ठा के बीच कभी अशोक धाम हॉल्ट के रूप में कहा जाता था, लेकिन अब सरफेस ट्राइंगल के मूर्त रूप ले लिये जाने से अशोक धाम हॉल्ट अब अशोक धाम स्टेशन के रूप में परिणत हो गया. जिसे देखते हुए मंगलवार को संरक्षा आयुक्त रेलवे के निरीक्षण कार्यक्रम को देखते हुए अशोक धाम स्टेशन को भव्य तरीके से सजा दिया गया था. वहीं स्टेशन के कर्मियों व आसपास के लोगों में भी इसे लेकर हर्ष देखा जा रहा था. 

Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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