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छोटी दुर्घटना में भी समुचित इलाज नहीं हो पाता है कजरा अस्पताल में

कजरा एपीएचसी में प्रतिस्थापित चिकित्सक डॉ हंस कुमार पाठक आयुर्वेदाचार्य है. वहां एलोपैथिक चिकित्सा की पोस्टिंग नहीं है. पूरे बिहार की यही स्थिति है. विभाग द्वारा जो भी सुविधा उपलब्ध करायी गयी है,

कजरा एपीएचसी में स्वास्थ्य सेवाओं अभाव

सूर्यगढ़ा. अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कजरा में स्वास्थ्य सेवा का घोर अभाव देखा जा रहा है. कहने को अच्छी भवन, जेनरेटर, बिजली के साथ ही लगभग 120 तरह की दवा उपलब्ध है, परंतु यहां पदस्थापित आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ हंस कुमार पाठक, लैब टेक्नीशियन विकास पासवान, स्थायी पदस्थापित एएनएम शिल्पा रानी, विभा कुमारी एएनएम प्रतिनियुक्त के अलावा डाटा ऑपरेटर दीपक कुमार की पदस्थापना है. इसके बावजूद एक भी एलोपैथिक चिकित्सक अस्थायी तौर पर भी पदस्थापित नहीं है. आयुर्वेदिक चिकित्सक की पदस्थापना तो है परंतु एक भी आयुर्वेदिक दवा कजरा एपीएचसी में नहीं उपलब्ध कराये जाने के कारण आयुर्वेदिक चिकित्सक को एलोपैथिक दवा से ही चिकित्सा करने की मजबूरी है. वहीं छोटी दुर्घटना में भी यहां समुचित इलाज की व्यवस्था ड्रेसर के अभाव में नहीं हो पाता. जबकि यहां का बाजार करीब पांच पंचायतों का बाजार है. यहां सड़क मार्ग व रेल मार्ग है. जहां आये दिन दुर्घटना व लड़ाई-झगडे में जख्मी होने पर प्राथमिक इलाज के लिए भी सूर्यगढा अस्पताल जाने की नौबत आ जाती है. कमियों के मुताबिक यहां मधुमेह, एचआइवी, हेपेटाइटिस आदि की जांच के अलावे विभिन्न तरह की दवा टॅनिक, कफ सीरप, गैस की दवा के साथ लगभग 120 तरह की दवा है. जिससे क्षेत्र वासियों को चिकित्सा क्षेत्र में लाभ मिलती है. क्षेत्र वासियों में नेपाली सिंह, वीरेंद्र सिंह, विनय सिंह, अमरनाथ पाठक, प्रभाकर सिंह, धर्मेंद्र पासवान, नीतू देवी सहित दर्जनों लोगों ने कजरा में समुचित चिकित्सक की स्थायी रूप से पदस्थापित कराये जाने की मांग किया है.

कहते हैं चिकित्सक

इस संबंध में पूछने पर कजरा में पदस्थापित आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ हंस कुमार पाठक ने बताया की विभाग से आयुर्वेदिक दवा की मांग की गयी है. उम्मीद है शीघ्र ही उपलब्ध करा दी जाय.

डॉ वाईके दिवाकर, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सूर्यगढ़ा

कजरा एपीएचसी में प्रतिस्थापित चिकित्सक डॉ हंस कुमार पाठक आयुर्वेदाचार्य है. वहां एलोपैथिक चिकित्सा की पोस्टिंग नहीं है. पूरे बिहार की यही स्थिति है. विभाग द्वारा जो भी सुविधा उपलब्ध करायी गयी है, इसका लाभ मरीजों को दिया जा रहा है. अगर विभाग द्वारा आयुर्वेदिक दवा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है.

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