सदर अस्पताल के सभागार में दिया गया एक दिवसीय प्रशिक्षण
फाइलेरिया है एक गंभीर बीमारी बचाव हे लिए समय पर दवा खाना है जरूरीलखीसराय. फाइलेरिया एवं एईएस/जेई जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए जिले के सीएचओ को सदर अस्पताल के सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण सिविल सर्जन डॉ बीपी सिन्हा की अध्यक्षता में दिया गया. इस प्रशिक्षण का उद्देश्य है लोगों के बीच से इस गंभीर बीमारी के प्रति बचाव के लिए जागरूकता लाना एवं एईएस/जेई के प्रति लोगों को आगाह करना है. इस दौरान सिविल सर्जन डॉ बीपी सिन्हा ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी मादा क्यूलेस मच्छर के काटने से फैलता है. फाइलेरिया दुनिया भर में दीर्घकालिक दिव्यांगता का प्रमुख कारण है. इसलिए इस बीमारी से बचाव के लिए सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जाता है. इस दौरान सभी स्वस्थ लोगों को दवा जरूर खानी चाहिए, ताकि हाथी पांव जैसी गंभीर बीमारी से पूर्णत: बचा जा सके. वहीं उन्होंने बताया की एईएस और जेई दोनों ही मस्तिष्क की सूजन से जुड़ी बीमारियां हैं, जो कई बार जानलेवा भी हो सकती हैं, खासकर बच्चों में. इसलिए समुदाय हित के लिए इस आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण में मौजूद सभी प्रतिभागियों को चमकी बुखार (एईएस/जेई) के बारे में भी इसके कारण, लक्षण, बचाव और समुचित इलाज की विस्तृत जानकारी दी गयी है, ताकि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी प्रतिभागी संबंधित मरीजों का सुविधाजनक तरीके से जरूरी इलाज हो सके, साथ ही मरीजों को इलाज के लिए इंतजार नहीं करना पड़े.
जेई क्या है ?
•जेई, एईएस का ही एक प्रकार है, जो जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस के कारण होता है
•यह वायरस मच्छरों के काटने से फैलता है, खासकर क्यूलेक्स मच्छर•जेई का प्रकोप आमतौर पर मानसून और मानसून के बाद की अवधि में होता है, जब मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है
•जेई के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी और सुस्ती शामिल हो सकती हैईएस क्या है ?
• एईएस कई तरह के वायरस, बैक्टीरिया, परजीवी आदि के कारण होने वाली एक गंभीर बीमारी है, जिसके लक्षण मस्तिष्क की सूजन के समान होते हैं•यह एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम का मतलब है कि यह अचानक और गंभीर रूप से मस्तिष्क को प्रभावित करता है
• एईएस के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, भ्रम, बेहोशी और दौरे शामिल हो सकते हैंइससे बचने के लिए पूरे बांह वाले कपड़े पहनें, मच्छर भगाने वाले स्प्रे या क्रीम का इस्तेमाल करें, पानी में मच्छर न पनपने दें एवं साफ-सफाई पर ध्यान दें. इस मौके पर भीडीसीओ भगवान दास एवं शालिनी कुमारी, भीबीडी सलाहकार नरेंद्र कुमार, भीबीडीएस विनोद कुमार चौबे, दिलीप कुमार मालाकार, रत्नेसचंद्र पांडेय, ललिता कुमारी एवं पिरामल के प्रतिनिधि शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है