24.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

गयाजी सीताकुंड में पितर को बालू का पिंड अर्पित करने का विधान, इंदिरा एकादशी पर श्राद्ध का है विशेष महत्व

Pitru Paksha 2022: गयाजी सीताकुंड में पितर को बालू का पिंड अर्पित करने का विधान है. गयाजी में इंदिरा एकादशी तिथि पर श्राद्ध का विशेष महत्व होता है. गयाजी में इस दिन श्राद्ध और तर्पण करने के लिए काफी संख्या में लोग गयाजी पहुंचते है.

गया. देश के कोने-कोने से गयाजी में अपने पितर की मोक्ष प्राप्ति के निमित्त तीर्थयात्रियों के आने का सिलसिला फिलहाल थोड़ा कम हुआ है, लेकिन आश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी यानी बुधवार से फिर तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ने की संभावना जतायी जा रही है. अब तक करीब छह लाख तीर्थयात्री गयाधाम पहुंच चुके हैं. इनमें पिंडदानियों की संख्या पौने चार लाख के करीब है. पंडाजी ने बताया कि अभी महाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल सहित दक्षिण भारत के कई राज्यों के तीर्थयात्री लगभग न के बराबर आये हैं. अभी पश्चिम बंगाल के पुरुलिया, रानीगंज, बांसपाड़ा आदि जगहों के तीर्थयात्री कमतर आये हैं.

गयाजी में कल रहेगी पिंडदानियों की भीड़

अभी गयाजी में सबसे अधिक 17 दिवसीय पिंडदान के लिए आये तीर्थयात्री नजर आ रहे हैं. इनके अलावा एक, तीन व पांच दिवसीय श्राद्धकार्य के लिए आये पिंडदानी पिंडदान-तर्पण कर रहे हैं. बीचबीच में हो रही बारिश से भी तीर्थयात्रियों को थोड़ी परेशानी हो रही है. वैसे इस बार आवासन की व्यवस्था सही रहने से उनके रहने में दिक्कत नहीं आ रही है. लेकिन, पिंडदान-तर्पण के समय बारिश से परेशानी हो रही है. सोमवार को भी दोपहर बाद हुई बारिश से पिडदानियों को परेशानी झेलनी पड़ी.

सीताकुंड व रामकुंड वेदी स्थलों पर पिंडदान का विधान

पितृपक्ष मेले के 11वें दिन सीताकुंड व रामकुंड वेदी स्थलों पर पिंडदान का विधान रहा है. इस विधान के तहत देश-विदेश से आये एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने अपने पितर के उद्धार व मुक्ति के लिए सीता कुंड व रामकुंड पर पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड अपने कुल पंडा के निर्देशन में संपन्न किया. श्री विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के सचिव गजाधर लाल पाठक ने बताया कि विधान के तहत फल्गु नदी के पूर्वी तट नागकूट पर्वत के निचले भाग में स्थित राम गया वेदी पर कर्मकांड पूरा किया गया. इसे रामकुंड तीर्थ कहा जाता है. यहां भारताश्रम व रामेश्वर महादेव हैं. श्री राम व सीता जी की प्रतिमा भी है. श्री रामजी ने पिंडदान कर पिता दशरथ जी को मुक्ति प्रदान किया था.

Also Read: Pitru Paksha: नदी-तालाब में तर्पण कर लोग पितरों को कर रहे याद, इस संकेत से समझे पितर आपसे नाराज है या खुश
देश-विदेश से पहुंचीं महिलाओं ने सीता कुंड पर किया पिंडदान

इस स्थान से पश्चिम नीचे में सीता कुंड तीर्थ है. विधान के तहत श्रद्धालुओं ने सीता कुंड पर स्थित राजा दशरथ के हाथों में बालू व अन्य पिंड सामग्री से बने पिंड को अर्पित किया. श्री पाठक ने बताया कि पिंड सामग्री के अभाव में बालू का पिंड प्रदान कर सीता जी ने दशरथ जी को स्वर्गदिलाया था. दशरथ जी ने हाथ बढ़ा कर पिंड ग्रहण किया था. हाथ में बालू का पिंड मिलने से उन्हें स्वर्ग मिला. वहीं, पिंड वेदी पर श्रीराम जी द्वारा पिंड अर्पण करने से दशरथ जी को मुक्ति मिली थी. उन्होंने बताया कि देश-विदेश से पिंडदान के लिए पहुंचीं महिलाओं ने सीता कुंड पर सौभाग्य दान व पांव पूजा कर अपने पितर की मुक्ति के साथ-साथ परिवार के लिए सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना की.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel