मधुबनी.
रहिका सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक किसानों को खेती करने के लिए प्रत्येक वर्ष केसीसी ऋण की सुविधा देती है. फसल उपज के बाद किसानों को ऋण की राशि वापस करना पड़ता है, लेकिन जिले के 47 हजार से ज्यादा किसानों ने ऋण की राशि जमा नहीं किया है. बैंक से मिली जानकारी के अनुसार, प्रत्येक साल बैंक से निबंधित किसानों को 50 हजार से 1 लाख रुपये तक का केसीसी ऋण दिया जाता है.47 हजार किसानों पर बकाया है 1 अरब 52 करोड़
बैंक से मिली जानकारी के अनुसार जिले के सभी 14 शाखाओं के द्वारा 1 अरब 52 करोड़ राशि केसीसी ऋण वितरण किया गया. इसमें आधे से ज्यादा किसानों ने तकरीबन 4 करोड़ ऋण का फिर से नवीकरण कराया. शेष किसानों ने अभीतक ऋण की राशि का नवीकरण करने या फिर बकाया राशि जमा करने को लेकर अभिरुचि नहीं दिखाई. बैंक के अध्यक्ष रमन कुमार सिंह ने कहा कि किसानों से ऋण वसूली को लेकर सभी शाखा को उनके द्वारा दिए गए ऋण के अनुसार वसूली का लक्ष्य दिया गया है. जिले के बेनीपट्टी शाखा के द्वारा सबसे ज्यादा ऋण का वितरण किया गया. उन्हें मासिक 4 करोड़ रुपये ऋण राशि वसूली का लक्ष्य दिया गया है. बैंक के एमडी सुदर्शन कुमार ने कहा कि ऋण की वसूल करने के लिए शाखा स्तर से किसानों को सर्टिफिकेट केस के साथ ही लाल कार्ड जारी किया गया है. बैंक द्वारा 190 किसानों पर बकाया को लेकर सर्टिफिकेट केस दर्ज किया गया है. जबकि पांच हजार से ज्यादा किसानों को लाल कार्ड जारी किया गया है. वहीं बैंक के विभिन्न शाखा द्वारा किसानों से अप्रैल से जून तक 2 करोड़ 15 लाख ऋण की वसूली भी की गई है. साथ ही तीन हजार किसानों के ऋण का नवीकरण भी किया गया है. एमडी ने कहा कि केसीसी ऋण की वसूली को लेकर टीम बनाया गया है. सभी शाखा प्रबंधक को सूची के अनुसार वसूली करने का लक्ष्य दिया गया है. मार्च 26 तक शतप्रतिशत वसूली का लक्ष्य रखा गया है.
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