मधुबनी
. मानक के अनुरूप संचालित नहीं होने वाले अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी, एक्स- रे और नर्सिंग होम संचालकों पर नकेल कसने की विभागीय कवायद शुरू कर दी गयी है. इस क्रम में सीएस डॉ. हरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम मंगलवार को मधवापुर प्रखंड के चार अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच की.सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा कि मधवापुर प्रखंड के ग्रीन हास्पिटल, डॉक्टर्स अल्ट्रासाउंड, राज अल्ट्रासाउंड एवं सिदरा अल्ट्रासाउंड सेंटर की जांच की गयी. ग्रीन हास्पिटल के पास निबंधन नहीं पाया गया. वहीं, डॉक्टर्स अल्ट्रासाउंड सेंटर एवं राज अल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालक प्रतिष्ठान बंद कर फरार हो गये थे. इधर, सिदरा अल्ट्रासाउंड सेंटर निबंधित पाया गया, लेकिन जांच केंद्र पर चिकित्सक नहीं थे. सीएस ने कहा कि बिना निबंधन एवं मानक के अनुरूप संचालित नहीं होने बाले अल्ट्रासाउंड संचालक पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कामेश्वर महतो को दिया गया है. विदित हो कि डीएम सह जिला समुचित प्राधिकार द्वारा पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के तहत अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के लिए जिला एवं प्रखंड स्तरीय सलाहकार समिति का गठन किया गया है.जिला एवं प्रखंड स्तर पर टीम का हुआ गठन
डीएम आनंद शर्मा ने जिला में पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के तहत अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी, नर्सिंग होम एवं नर्सिंग क्लीनिक की जांच के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर टीम का गठन किया है. 10 सदस्यीय जिला सलाहकार समिति का गठन किया है. जिला स्तरीय टीम में अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, तीन वरीय उपसमाहर्ता मनोज कुमार, वरीय उपसमाहर्ता बालेन, अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी, स्त्री एवं प्रसुति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमन कुमार, डॉ. दया शंकर सिंह, डॉ. शंभु नारायण झा, डॉ. गिरींद्र मोहन ठाकुर, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. कुणाल कौशल शामिल हैं. वहीं प्रखंड स्तरीय टीम में सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी, बीडीओ, सीओ, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं सभी थानाध्यक्ष को शामिल किया गया है.
समय-समय पर होगी अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच
एसीएमओ डॉ. एसएन झा ने बताया कि अल्ट्रासाउंड निबंधन के लिए संबंधित चिकित्सक को सभी प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा. इसके बाद अल्ट्रासाउंड सेंटर की जांच की जाएगी. जांच करने के बाद जांच प्रतिवेदन जिला सलाहकार समिति के पास भेजा जाएगा. इसके बाद संबंधित सलाहकार समिति द्वारा प्रतिवेदन पर अंतिम निर्णय के लिए जिला पदाधिकारी समुचित प्राधिकार के पास भेज देंगे. इसके बाद संबंधित अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालक को रजिस्ट्रेशन उपलब्ध होगा. जिला सलाहकार समिति द्वारा समय-समय पर संबंधित अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच की जाएगी. जांच में किसी तरह की त्रुटि पाये जाने पर संबंधित चिकित्सक पूर्ण रूप से दोषी होंगे. सिविल सर्जन ने कहा कि जिला में मानक के अनुरूप संचालित नहीं होने वाले अल्ट्रासाउंड, पैथलैब एवं नर्सिंग होम संचालकों पर नकेल कसने की कवायद शुरू कर दी गयी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
सीएस डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा कि सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को अपने अपने क्षेत्रों में संचालित गैर मानक के अनुरूप संचालित संस्थानों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करते हुए सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.
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