मधुबनी.
अटल पेंशन योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों व मजदूरों के लिए है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य खासकर गरीबों, वंचित वर्ग और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों जिन्हें कोई निश्चित वेतन या तनख्वाह, चिकित्सा सुविधाएं या सेवानिवृत्ति का लाभ नहीं मिल रहा है उन्हें बुढ़ापे में आर्थिक या वित्तीय मदद देना है. यह भारत सरकार की ओर से मई 2015 में शुरू की गयी थी. इसे पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत प्रबंधित किया गया है. एलडीएम गजेंद्र मोहन झा ने कहा कि गरीब वृद्ध ऐसे हो, जिन्हें आर्थिक लाभ की जरुरत है तो वे इस योजना में आवेदन दे सकते हैं. अटल पेंशन योजना भारत सरकार द्वारा मई 2015 में शुरू की गई एक सामाजिक सुरक्षा योजना है. अब इसके 10 साल हो चुके हैं. इसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा देना है. इसके अंतर्गत 60 वर्ष की आयु के बाद लाभार्थी को हर महीने एक निश्चित रकम पेंशन के रूप में मिलती रहेगी. एलडीएम ने कहा कि इस योजना का सारा जिम्मा पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण संभालते हैं और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत आती है. सरकार इस योजना को बढ़ावा देने के लिए अंशदान भी करती है. जिससे इसे और आकर्षक बनाया गया है. यह उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जो असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं और जिनके पास अपने भविष्य के लिए कोई अन्य पेंशन योजना नहीं है. हालांकि इसके लिए कोई भी आवेदन दे सकते हैं.करना होता है नियमित अंशदान
इस योजना में सदस्य अपनी आयु और चुनी गई पेंशन राशि के अनुसार नियमित अंशदान (एक छोटी रकम) करते हैं. जिससे उन्हें 60 वर्ष की आयु के बाद ₹1,000 से ₹5,000 तक की मासिक पेंशन मिलती है. 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद, इस योजना के सदस्य को उसके योगदान के आधार पर ₹1,000, ₹2,000, ₹3,000, ₹4,000 या ₹5,000 की मासिक पेंशन मिलती है.अटल पेंशन योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य यही है कि गरीब या देश के निम्न आय वर्ग के लोगों को वृद्धावस्था में कुछ वित्तीय सुरक्षा किया सके. असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों जैसे कि दिहाड़ी मजदूरों के पास कोई स्थायी पेंशन योजना नहीं होती और वे अपनी वृद्धावस्था में आर्थिक रूप से असुरक्षित रहते हैं. इसी समस्या के समाधान के लिए अटल पेंशन योजना की शुरुआत की गयी है. अग्रणी बैंक प्रबंधक गजेंद्र मोहन झा ने कहा कि जानकारी के अभाव में जरूरतमंद लोग इस योजना के लाभ से वंचित हैं. बैंक की शाखा पर जाकर इसकी पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है. वृद्धों के लिए यह योजना वरदान साबित होगा.
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