जयनगर. बैंक ऑफ इंडिया शाखा सहित अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों ने हड़ताल कर सरकार की आर्थिक नीतियों व निजीकरण की प्रक्रिया के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया. यह हड़ताल ऑल इंडिया बैंक इंप्लाय एसोसिएशन (एआइबीइए) और यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यू एफ बी यू) के आह्वान पर की गयी. हड़ताल में बैंक कर्मियों की मुख्य मांगों में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और बैंकों के निजीकरण पर रोक लगाने, बीमा क्षेत्र में एफडीआई का प्रस्ताव वापस लेने, श्रमिक संगठनों के अधिकारों का संरक्षण करने, क्रोनी कैपिटलिज्म (सांठगांठ आधारित पूंजीवाद) पर लगाम लगाने सहित कई मांग शामिल है. बैंक कर्मचारी संतोष कुमार ने कहा कि सरकार धीरे-धीरे हर आर्थिक क्षेत्र में ऐसे निर्णय ले रही है, जिससे देश की संपत्ति कुछ गिने-चुने पूंजीपतियों के हाथों में सिमटती जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लेबर लॉज को कमजोर कर रही है. जिससे मजदूरों और कर्मचारियों के अधिकारों का शोषण हो रहा है. कर्मचारी प्रेरणा कुमारी ने कहा कि यह केवल आर्थिक आंदोलन नहीं, बल्कि एक सामाजिक और राष्ट्रीय चेतना का हिस्सा है. अवसर पर संतोष कुमार, रत्न देव, प्रेरणा कुमारी, अशोक कुमार राम, चंदन राम समेत कई अन्य शामिल हुए.
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