हरलाखी. इंडो-नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार दोनों चीनी नागरिक को गुरुवार को जेल भेज दिया गया. बताया जा रहा है कि दोनों चीनी नागरिक मंगलवार की देर शाम पिपरौन बॉर्डर पर नो मेंस लैंड के समीप वीडियोग्राफी व फोटो ले रहा था. जिस पर एसएसबी की नजर पड़ी. इसके बाद एसएसबी ने दोनों को हिरासत में ले लिया. पूछताछ करने पर पता चला कि दोनों संदिग्ध चीन का रहने वाला है. एसएसबी से प्राप्त सूचना पर आइबी उमगांव, एसडीपीओ जयनगर सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियां पहुंची. फिर दोनों संदिग्ध से कई घंटे तक पूछताछ की. इस दौरान खुलासा हुआ कि गिरफ्तार चीनी नागरिक 30 वर्षीय वू हैलौंग व 38 वर्षीय शेंग जूनयोंग चीन के रहने वाले है. दोनों पिछले 14 मार्च को पर्यटक वीजा पर काठमांडू पहुंचे. फिर नेपाल के पोखरा शहर गये. दोनों 26 मई को जनकपुर पहुंचे. जनकपुर के होटल मिथिला चिरायु में ठहरे थे, जहां से बीते बुधवार को दोपहर करीब तीन बजे टीकटॉक के लिए इंडो नेपाल बॉर्डर पर भारतीय चेक पोस्ट का वीडियो व फोटो बनाने लगा. जहां एसएसबी को संदेह होने पर हिरासत में ले लिया. दोनों के पास से किसी प्रकार का वैद्य कागजात प्रस्तुत नहीं किया गया. गहन पूछताछ के बाद नेपाल के अधिकारियों से संपर्क कर होटल मिथिला चिरायु से सभी सामान को मंगवाकर जब्ती सूची बनायी. उसके बाद आगे की कार्रवाई के लिए हरलाखी थाने की पुलिस को सौंप दिया. इधर, सीमा पर की गयी जवानों की कार्रवाई का पिपरौन कैंप इंचार्ज इंस्पेक्टर सुनील दत्त ने सराहना की है. कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में एसएसबी की पैनी नजर है. थानाध्यक्ष अनूप कुमार ने कहा कि दोनों चीनी नागरिक को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
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