घोघरडीहा. पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही चंदन प्रसाद प्रभाकर का शव पैतृक गांव बथनाहा पहुंचा, पूरे गांव में कोहराम मच गया. परिजन का रो-रोकर बुरा हाल था. उनकी पत्नी सदमे में बार-बार बेहोश हो रही थी. बच्चों की मासूम चीख व वृद्ध माता-पिता की चीत्कार ने उपस्थित हर व्यक्ति की आंखें नम कर दी. ग्रामीणों ने बताया कि चंदन बेहद मिलनसार और जिम्मेदार युवक थे. किसी की भी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे. उनके यूं अचानक चले जाने से पूरा गांव स्तब्ध है. चंदन की पत्नी सुनीता देवी और उसके माता पिता को ग्रामीण ढाढस बंधा रहा था. पुत्र उमाशंकर कुमार, रविशंकर कुमार,अजय कुमार और पुत्री-ऋतु रानी तो कुछ समझ ही नहीं रही थी कि आज उसके घर इतनी भीड़ क्यों है. उसके पापा उठ क्यों नहीं रहे हैं. अंतिम दर्शन के लिए जिला कृषि पदाधिकारी ललन कुमार चौधरी, सहकर्मी मनोरंजन कुमार, रमेश कुमार मेहता, इंद्रकांत प्रसाद, सज्जन कुमार, बबलू कुमार कृषि समन्वयक रवि रंजन प्रखंड तकनिकी प्रबंधक सौरव कुमार झा सहित हजारों की संख्या में लोग जुटे ग्रामीण नम आंखों से विदाई दी. वहीं, स्थानीय जनप्रतिनिधियों में वरिष्ठ जेडीयू नेता शैलेंद्र मंडल, पंचायत समिति सदस्य सुशील कामत, मुखिया उमर खान, पूर्व सरपंच चंदेश्वर यादव ने भी परिवार को सांत्वना दी और सरकार से मुआवजा एवं नौकरी की मांग को जायज ठहराया.
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