26.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Madhubani News : हेपेटाइटिस का संक्रमण सबसे पहले हृदय को करता है प्रभावित : सिविल सर्जन

विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर 28 जुलाई को लोगों के बीच वायरल हेपेटाइटिस से बचाव के लिए लेकर जागरूक किया जाएगा.

मधुबनी. विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर 28 जुलाई को लोगों के बीच वायरल हेपेटाइटिस से बचाव के लिए लेकर जागरूक किया जाएगा. उन्हें यकृत में सूजन पैदा होने की जानकारी दी जाएगी. इससे यकृत से संबंधित गंभीर बीमारियां और यकृत कैंसर हो सकता है. विश्व हेपेटाइटिस दिवस 2025 का विषय हेपेटाइटिस चलो इसे तोड़ें, वित्तीय, सामाजिक और प्रणालीगत बाधाओं को दूर करने के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान करता है. इसमें कलंक भी शामिल है – जो हेपेटाइटिस उन्मूलन और यकृत कैंसर की रोकथाम के रास्ते में आते हैं. वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल के दौरान जितने भी तरह के रोग हुए, उन सभी से कहीं ज्यादा गंभीर हेपेटाइटिस बी संक्रमण को माना जाता है. यह बीमारी समय से टीकाकरण नहीं कराने व लोगों को इसके संबंध में जानकारी का नहीं होना है. सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने बताया कि वैश्विक स्तर पर लोगों के बीच जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस बी दिवस मनाया जाता है. इसका टीका जन्म के समय ही नियमित रूप से टीकाकरण केंद्रों पर नवजात शिशुओं को लगाया जाता हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग, सहयोगी संस्थाओं व कई सामाजिक स्तर पर कार्य करने वाली गैर सरकारी संस्थानों द्वारा भी इसके लिए समय- समय पर बैनर, पोस्टर या अन्य गतिविधियों से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इससे लीवर सिरोसिस, लीवर कैंसर एवं ह्रदय आघात का खतरा बढ़ जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो पूरे विश्व में प्रतिवर्ष लगभग 9 लाख से अधिक लोगों की मौत हेपेटाइटिस “बी ” संक्रमण से होती है. दूषित पानी या भोजन के सेवन से फैलता है हेपेटाइटिस हेपेटाइटिस ए का वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति और दूषित पानी या भोजन के सेवन से फैलता है. वहीं मितली, उल्टी, दस्त, निम्न- श्रेणी का बुखार और लिवर एरिया में दर्द कुछ ऐसे लक्षण हैं, जिन पर ध्यान देना जरूरी है. हेपेटाइटिस बी वायरस संक्रमित खून, वीर्य और शरीर के अन्य तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है. हालांकि जन्म के दौरान भी संक्रमित मां से उसके बच्चे में वायरस के ट्रांसमिशन की संभावना अधिक होती है. हेपेटाइटिस बी वायरस का लक्षण मिलने से पहले छह महीने तक शरीर में निष्क्रिय रह सकता है. इसका उपचार करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल होता है. इसके कारण संक्रमण से लीवर खराब होने का खतरा बढ़ जाता है. उसके बाद लीवर सिरोसिस नामक बीमारी हो जाती है. इसके बाद हेपेटाइटिस डी आमतौर पर हेपेटाइटिस बी से संक्रमित होने वाले मरीजों में होता है. जानकारी व सावधानी से संभव है हेपेटाइटिस से बचाव लिवर में सूजन के कारण हेपेटाइटिस नामक बीमारी होती है. यह लीवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है. आमतौर पर हेपेटाइटिस, वायरस ए, बी, सी, डी और ई की वजह से होता है. पूरे विश्व में यह वायरस हेपेटाइटिस के सामान्य वजह हैं. हालांकि हेपेटाइटिस ऑटोइम्यून बीमारियों और दवाओं के अनुचित सेवन एवं शराब के अत्यधिक सेवन करने तथा हानिकारक विषाक्त पदार्थों की वजह से भी होता है. संक्रमण से फ़ैलने वाली बीमारियों में शामिल हेपेटाइटिस को बेहद गंभीर रोगों की सूची में रखा गया है. हेपेटाइटिस का संक्रमण खून चढ़ाने, इस्तेमाल की गई सुई का प्रयोग, दाढ़ी बनाने वाले रेजर, दूसरे के टूथब्रश का इस्तेमाल करने, असुरक्षित यौन संबंध, टैटू बनवाने, नाक- कान छिदवाने से होता है. हेपेटाइटिस जैसी बीमारी से बचाव के उपाय गर्भवती महिला को संक्रमण होने पर इलाज जरूरी. टैटू के लिए नई सूई का प्रयोग. खाना बनाने व खाने से पहले हाथ धोएं. स्वच्छ व ताजा भोजन खाएं. शौच के बाद हाथों को स्वच्छ पानी व साबुन से अच्छी तरह धोएं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel