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Madhubani News : सर्दी, खांसी व बुखार से पीड़ित मरीजों से पटा अस्पताल

तापमान में वृद्धि के साथ ही गर्म हवा के थपेड़ों ने लोगों को मई जून माह के भीषण गर्मी का एहसास दिला दिया.

मधुबनी.

पिछले दिनों हुई बारिश व तापमान में गिरावट से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली थी, वहीं शुक्रवार को तापमान में वृद्धि के साथ ही गर्म हवा के थपेड़ों ने लोगों को मई जून माह के भीषण गर्मी का एहसास दिला दिया. ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र पूसा एवं मौसम विज्ञान विभाग से जारी पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है. साथ ही 19-23 जुलाई के पूर्वानुमान अवधि में उत्तर बिहार के जिलों में अच्छी बारिश होने की संभावना नहीं है. इस दौरान 10-15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछिया हवा चलने की संभावना है.

मौसम का मिजाज ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में लोगों की परेशानी बढ़ सकती है. ऐसे में चिकित्सकों ने लोगों को गर्मी से सतर्कता बरतने की सलाह दी है. भीषण गर्मी के कारण सदर अस्पताल में सर्दी, खांसी, बुखार एवं पेट दर्द से पीड़ित मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है. शुक्रवार को सदर अस्पताल के ओपीडी काउंटर पर 485 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें सबसे अधिक 180 मरीज सर्दी, खांसी, बुखार व पेट दर्द से पीड़ित थे. मरीजों का इलाज मेल मेडिकल के डॉ. संजीव कुमार ने किया. स्त्री एवं प्रसूति ओपीडी में डॉ. नेहा ने 115 महिला मरीजों व आर्थोपेडिक ओपीडी में डॉ. रामनिवास सिंह ने 135 मरीजों का इलाज किया. आई ओपीडी में डॉ. आंकाक्षा कुमारी ने 56 मरीजों का इलाज किया. बढ़ती गर्मी को देखते हुए डॉक्टरों ने लोगों को गर्मी व हीटवेव से सावधानी बरतकर व सुरक्षित रहने की सलाह दी है. चिकित्सकों ने कहा कि किसी भी तरह की बीमारी होने पर पीड़ित व्यक्ति को इलाज के लिए अपने चिकित्सक व नजदीकी अस्पताल में जाना चाहिए. ताकि समय रहते बीमारी का पता लगाकर उसका सही इलाज किया जा सके.

485 मरीजों का काटा गया पर्ची

शुक्रवार को सदर अस्पताल के ओपीडी काउंटर पर 485 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें 180 मरीजों का इलाज मेल ओपीडी में डॉ. संजीव कुमार झा ने किया. डॉ. झा ने कहा कि वर्तमान समय में सर्दी, खांसी, बुखार व पेट दर्द से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है. आर्थोपेडिक ओपीडी में 135 मरीजों का इलाज डॉ. रामनिवास सिंह ने किया. डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि अधिकांश मरीज कमर दर्द, घुटनों व पेट दर्द से पीड़ित थे. गायनिक ओपीडी की डॉ. नेहा झा कहा कि गर्भवती महिला सहित महिला रोग से संबंधित 115 मरीजों को इलाज कर उचित सलाह दी गई. हीटवेब एवं भीषण गर्मी को देखते हुए सदर अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस सहित अन्य प्रकार की जीवन रक्षक दवा का भंडारण किया गया है. ताकि हीट वेब की चपेट में आने वाले मरीजों को किसी प्रकार की दवा की परेशानी नहीं हो. वर्तमान में पेट खराब, कोल्ड कफ व बुखार के अधिक मरीज इलाज के लिए अस्पताल आ रहा है. सदर अस्पताल में दवा की कोई किल्लत नहीं है. हर प्रकार की दवाएं उपलब्ध है.

सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा कि कुछ सावधानियां बरत कर लू और गर्मी से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है. तेज गर्म हवा में बाहर जाने से बचें, नंगे बदन और नंगे पैर धूप में नहीं निकलें. घर से बाहर पूरी आस्तीन और ढीले कपड़े पहनकर निकलें, ताकि शरीर में हवा लगती रहे. ज्यादा टाइट और गहरे रंग के कपड़े नहीं पहनें.

सूती कपड़े पहनें. सिंथेटिक, नायलॉन और पॉलिएस्टर के कपड़े नहीं पहनें. खाली पेट घर से बाहर नहीं जाएं और ज्यादा देर भूखे रहने से बचें, धूप से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल करें. इसके अलावा, सिर पर गीला या सादा कपड़ा रखकर चलें, चश्मा पहनकर बाहर जाएं. चेहरे को कपड़े से ढक लें.

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