मधुबनी. अंतर्राष्ट्रीय मानव व्यापार निरोध दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार व बिहार सेवा समिति के सौजन्य से न्यायालय परिसर में बुधवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला की शुरुआत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनामिका टी, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय जयकिशोर दूबे, जिला अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम सैयद मो. फजलुल बारी,जिला अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ रश्मि प्रसाद ने दीप जलाकर किया. कार्याशाला को संबोधित करती हुई प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनामिका टी ने कहा कि मानव तस्करी सबसे बड़ा अपराध है. इसके रोकने के लिए लोगों को जागरूक होना होगा .मानव तस्करी एक संगठित अपराध है, जिसमें गरीब एवं असहाय वर्ग के लोग शोषण का शिकार होते हैं . इसके रोकथाम हेतु समाज के सभी वर्गों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है .वहीं डीएएसजे प्रथम ने मानव तस्करी की पहचान, बचाव, पुनर्वास के संबंध में जानकारी दी. मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी प्रमोद कुमार महथा ने कहा कि संविधान ने हमें अधिकार दिया है कि ऐसे किसी भी अपराध को रोकें. इसलिए समाज को सजग होना होगा. ताकि मानव तस्करी पर रोक लग सके. उन्होंने मानव तस्करी संबंधी कानूनी जानकारी भी दी. मौके पर जिला अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय रचना राज, जिला अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय ललन कुमार, जिला अपर सत्र न्यायाधीश पंचम सुभाष कुमार राय, विशेष न्यायाधीश सप्तम निरज कुमार त्यागी, विशेष न्यायाधीश उत्पाद गोरख नाथ दुबे, जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव संदीप चैतन्य, एसीजेएम प्रथम तेज कुमार प्रसाद, एसडीजेएम सचिन कुमार, दण्डाधिकारी किशोर न्याय परिषद अंकित आनंद, मुंसिफ द्वितीय प्रतीक रंजन चौरसिया, मजिस्ट्रेट दिवानंद झा, लोक अभियोजक शिव शंकर प्रसाद राय, डिफेंस काउंसिल चीफ रंजीत कुमार झा, अमित कुमार, प्रभात रंजन, न्यायालय प्रबंधक सरफराज आलम, सुशांत चक्रवर्ती, संतोष दत्त, विनोद कुमार, संजीव कुमार, मो. जाहिद हुसैन भी उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन संतोष निषांत ने किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है