बेनीपट्टी. गर्मी से जनजीवन अस्त व्यस्त होने लगा है. 40 डिग्री के आस पास पारा होने के कारण लोगों को शरीर झुलसता हुआ महसूस हो रहा है. इन दिनों सुबह से ही तेज धूप और प्रचंड गर्मी से लोग अपने आप को बेहद ही असहज महसूस कर रहे हैं. बढ़े तापमान और कड़ी धूप के कारण पूरे दिन सड़कें सुनी दिखती है. बेहद कम संख्या में वाहनों का भी आवागमन होते देखा जा रहा है. दूसरी ओर अधिकांश नदियां या तो सुख चुकी है या फिर सूखने के कगार पर पहुंच चुकी है. प्रखंड क्षेत्रों में बहने वाली अधवारा समूह के धौंस नदी का जलस्तर नगण्य हो चुका है तो थूमहानी नदी पूरी तरह सुख चुकी है. बछराजा और खिरोई नदी की भी कमोबेश यही स्थिति है. अधिकांश नहर भी सुख गई है. पशु पक्षियों को भी प्यास बुझाने के लिये पोखर दर पोखर भटकते देखा जा रहा है. स्थिति यह है कि प्रखंड मुख्यालय सहित सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर चापाकल या तो सुख चुके हैं या फिर उससे बेहद ही कम मात्रा में पानी निकल पा रहा है. आलम यह है कि नगर पंचायत मुख्यालय के वार्ड 18 में लखिंद्र राम, राम नारायण राम, फकीर राम, गणेश राम, शंकर राम, भोला मुखिया, राम नारायण ठाकुर, वार्ड 17 में गोविंद पंजियार, राजकुमार ठाकुर व दिलीप ठाकुर के घर में लगा चापाकल सूख चुका है. जलस्रोतों के जल स्तर में हो रही निरंतर गिरावट का असर सभी वर्गों के लोगों पर स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है. कुल मिलाकर गर्मी के बढ़ते प्रभाव से लोगों की दिनचर्या भी अस्त व्यस्त हो रही है. वहीं धान फसलों पर आत्म निर्भरता वाले इस क्षेत्र में धान की खेती तो इस बार पूरी तरह चौपट है. किसान हताश व परेशान हैं. पानी की कमी के कारण अधिकांश भूभागों में धान की फसलें लगाई ही नहीं जा सकी है. लिहाजा अब सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग भी तेजी से उठने लगा है.
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