मधुबनी.
जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की प्रगति असंतोषजनक पाये जाने पर उपविकास आयुक्त सुमन प्रसाद साह ने जिले के सभी बीडीओ को पत्र भेजा है. इनमें से पांच प्रखंड झंझारपुर, फुलपरास, खुटौना एवं खजौली एवं बासोपट्टी में पीएम आवास निर्माण कार्य की प्रगति काफी धीमी है. बैठकों में बार-बार निर्देश के बावजूद यह स्थिति है. जबकि मिशन एक सौ दिन में आवास का निर्माण पूरा करा लेना है. डीडीसी ने साफ कहा है कि योजनाओं में ढिलाई अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने अधूरे और प्रारंभ नहीं हुए आवास निर्माण कार्यों में तेजी लाकर समय सीमा में पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं. विदित हो कि मधुबनी में वित्तीय वर्ष 2024-25 में 99 हजार 471 गरीबों को पक्का घर देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इनमें से अभीतक सिर्फ 4 हजार 622 लोगों ने ही पीएम आवास का निर्माण पूरा कराया है. जबकि 87 हजार 194 लोगों को प्रथम किस्त, 46 हजार 105 लोगों को द्वितीय किस्त एवं 13 हजार 361 लोगों को तृतीय किस्त की राशि उनके बैंक खाते में भेजी गयी है.पीएम आवास योजना की हो रही मॉनिटरिंग
ग्रामीण विकास विभाग आवास योजना की मॉनिटरिंग करा रही है. द्वितीय एवं तृतीय किस्त की राशि लेने के बाद लाभुकों को निश्चित रूप से घर का निर्माण पूरा करना है. आवास पूरा नहीं कराने पर राशि लेने वाले लाभुकों पर कार्रवाई की जाएगी. साथ संबंधित बीडीओ पर भी कार्रवाई करने का आदेश विभाग ने जारी किया है. इसके अलावे मनरेगा से जॉब कार्डधारी लाभुकों को 245 रुपये की दर से 90 दिनों का मजदूरी देने का भी प्रावधान है.2015 में शुरू हुई थी पीएम आवास योजनापीएम आवास योजना ग्रामीण को वर्ष 2015 में लांच किया गया था. सरकार इस योजना के तहत सभी जरूरतमंदों को पक्का घर देने का लक्ष्य रखा है. इतना ही नहीं सरकार ग्रामीण आवास योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को घर की मरम्मत कराने एवं घर बनाने के लिए भी आर्थिक सहायता देती है.
वर्ष 2024-25 के अंतर्गत मधुबनी में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुल 99 हजार 471 गरीबों को पक्का घर देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इनमें से 91 हजार 524 लोगों का आधार सिडिंग कर आवास स्वीकृत हुए हैं. जिनमें से केवल 4 हजार 622 लोगों का आवास पूर्ण हो पाया हैं. पीएम आवास योजना के तहत जिओ टैगिंग और किस्त वितरण के नाम पर अवैध वसूली की शिकायत की जांच की जा रही है. डीडीसी सुमन प्रसाद साह ने कहा कि आवास सहायक यदि योजना में रुचि नहीं दिखा रहे हैं, तो उनके सेवा पर पुनर्विचार किया जाएगा. साथ ही जिन कर्मचारियों ने बेहतर प्रगति दिखाई है, उनके अनुभव साझा किए जायेंगे. उन्होंने संबंधित प्रखंड के बीडीओ को भी आवास योजना की मॉनिटरिंग कर कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है