मधुबनी
. जिले में मानसून ने दस्तक दे दी है. बरसात शुरू होते ही डेंगू व चिकनगुनिया के मरीजों के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डीएस सिंह ने बताया कि डेंगू एवं चिकनगुनिया से निपटने के लिए सदर अस्पताल में 8 बेड, अनुमंडलीय अस्पतालों में 4-4 बेड तथा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 2-2 बेड का डेंगू वार्ड तैयार रखने का निर्देश दिया गया है. सभी बेड मच्छरदानी युक्त रखने का निर्देश दिया गया है. साथ ही संबंधित मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा की व्यवस्था सभी अस्पतालों में उपलब्ध रखने का निर्देश दिया गया है. डेंगू के मरीज के पुष्टि होने पर मरीज के निवास स्थान के 500 मीटर के रेडियस में टेक्निकल मलाथिऑन से जिला मलेरिया कार्यालय द्वारा फागिंग कराने का निर्देश दिया गया है.एडीज मच्छर के काटने से होता है डेंगू
एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है. यह मच्छर दिन में काटता और स्थिर एवं साफ पानी में पनपता है. तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द और आंखों के पीछे दर्द हो तो सतर्क हो जाए. त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, नाक- मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्त स्राव होना और काला पखाना होना डेंगू के लक्षण हैं. इन लक्षणों के साथ यदि तेज बुखार हो तो तत्काल अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थानों में जाकर इलाज कराएं. ऐसे व्यक्ति में दोबारा डेंगू बुखार की आशंका होने पर सरकारी अस्पताल या फिर डॉक्टर से संपर्क करें.दिन में सोते समय भी लगाएं मच्छरदानी
दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. इसके साथ-साथ मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी करें. पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें. घर के सभी कमरों को साफ- सुथरा रखें. टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रिज में पानी जमा नहीं होने दें. पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं जमने दें. घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करें. गमला, फूलदान का पानी हर दूसरे दिन बदल दें. मॉल व दुकानदार भी खाली जगहों पर रखे डिब्बे और कार्टनों में पानी जमा नहीं होने दें. जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है