मछुआरों और विक्रेताओं को वित्तीय सहायता भी उपलब्ध करायेगी सरकार मछुआरों के लिए सरकार चला रही है मत्स्य परिवहन योजना मधुबनी . मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है. इनमें मत्स्य पालन करने वाले मछुआरों और विक्रेताओं को वित्तीय सहायता सहित कई सुविधाएं भी दी जा रही है. इसी कड़ी में मत्स्य व्यवसाय से जुड़े मछली विक्रेताओं के लिए एक अच्छी खबर है. मछली उत्पादन के साथ-साथ ताजी और स्वच्छ मछली की बिक्री को बढ़ावा देने के लिये सरकार “मुख्यमंत्री मछुआ कल्याण योजना”की शुरूआत की है. इस योजना के माध्यम से मछुआरों / मत्स्य विक्रेताओं को उपकरण, सामग्री, थ्री-व्हीलर वाहन और आईस बॉक्स आदि 50 फीसदी अनुदान पर दिए जाएंगे. इस योजना का लाभ मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सदस्य तथा अन्य वर्ग के मछुआरे, अनुसूचित जाति, जनजाति, जीविका समूह और मछलियों की बिक्री से जुड़े एफपीओ को दिया जाएगा. एससी-एसटी को 50 फीसदी मिलेगा अनुदान एससी-एसटी के लोगों को सरकार मोपेड सह आइस बॉक्स, दो, तीन और चारपहिया वाहन खरीद के लिए 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया है. योजना का लाभ लेने के लिए लाभुक को दो पासपोर्ट फोटो, फोटोयुक्त पहचान पत्र, आधार का फोटो कॉपी, प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, निजी भू स्वामित्व प्रमाण पत्र या वैद्य पट्टा एवं लीज के तालाब में लीज एकरारनामा (न्यूनतम 11 माह) चाहिए. साथ ही जाति एवं आय प्रमाण पत्र, बैंक खाता आईएफएससी कोड सहित शपथ पत्र की मूल कॉपी होना चाहिए. मुख्यमंत्री मछुआ कल्याण योजना का है यह उद्देश्य मछुआरों को मत्स्य शिकारमाही के लिए नि:शुल्क मत्स्य शिकारमाही और विपणन किट एवं मत्स्य विक्रेताओं को 50 प्रतिशित अनुदानित दर पर मत्स्य परिवहन के लिए थ्री-व्हीलर-आईस बॉक्स उपलब्ध कराना है. ताकि उपभोक्ताओं तक स्वच्छतापूर्वक हाईजीनिक अवस्था में ताजी मछली को पहुंचाने में सहूलियत हो और रोजगार के नए अवसर के साथ-साथ मछुआरों और मत्स्य वेंडरों की सालाना आय और मुनाफे में बढ़ोतरी हो सके. कैसे होगा लाभार्थियों का चयन आवेदन पत्र में आवेदक द्वारा अपना मोबाइल नंबर और बैंक शाखा का नाम, बैंक खाता संख्या, आईएफएससी कोड अंकित करना होगा. योजना में आवेदन के बाद लाभुकों का चयन, उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा की जाएगी. आवेदक द्वारा अपने मत्स्य विक्रय स्थल, दुकान के साथ अपना फोटोग्राफ (पोस्टकार्ड साइज में) आवेदन के साथ संलग्न करना अनिवार्य होगा. साथ ही आवेदक को स्व-हस्ताक्षरित घोषणा-पत्र समर्पित करना होगा कि मत्स्य विक्रय स्थल विवाद रहित है तथा आवेदक जिन्हें पूर्व में सदृश्य मत्स्य विपणन, वाहन योजना का लाभ प्राप्त है. उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा. क्या कहते हैं अधिकारी जिला मत्स्य पदाधिकारी अंजनी कुमार ने कहा कि मत्स्य विक्रेताओं को बेहतर संसाधन मिले इसके लिए मत्स्य परिवहन योजना चलाई जा रही है. मत्स्य विक्रेता जो थोक/ खुदरा मत्स्य बिक्री का काम करते हो उन्हें निर्धारित इकाई लागत का 50 प्रतिशत अनुदान पर थ्री व्हीलर विथ आईस बॉक्स सहित वाहन उपलब्ध कराया जाएगा.
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