Madhubani : मधुबनी. बेनीपट्टी प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय नजरा में पृथ्वी दिवस पर आदर्श महिला मंडल लडूगामा की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया गया. उद्घाटन करते हुए विद्यालय के प्रधानाध्यापक विनय कुमार ने कहा कि विज्ञान मंत्रालय द्वारा हर वर्ष पृथ्वी दिवस मनाया जाता है. इस बार पृथ्वी दिवस की थीम अक्षय ऊर्जा है. ऊर्जा के मौजूदा स्रोत हमारे ग्रह के लिए बहुत ही हानिकारक है. इसलिए अक्षय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. अक्षय ऊर्जा वह ऊर्जा है जो लगातार भरे जाने वाले स्रोतों से प्राप्त होती है. सौर ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, पवन ऊर्जा और जल विद्युत ऊर्जा कुछ नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत हैं. इसमें ऊर्जा का उत्पादन प्राकृतिक स्रोतों से किया जाता है. नवीकरणीय संसाधनों से प्राप्त ऊर्जा को ऊर्जा का स्थायी स्रोत माना जाता है. इसका मतलब है कि वह कभी खत्म नहीं होता है. हम कह सकते हैं कि उनके खत्म होने की संभावना लगभग शून्य है. दूसरी ओर जीवाश्म ईंधन जैसे ऊर्जा के स्रोतों को सीमित संसाधन माना जाता है. इसकी प्रबल संभावना है कि भविष्य में वह समाप्त हो जाएगा. अधिकांश नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत शून्य कार्बन उत्सर्जन और न्यूनतम वायु प्रदूषक उत्पन्न करते हैं. वहीं संजय कुमार मिश्रा ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त ऊर्जा है. जिसकी खपत की तुलना में अधिक दर पर पुनः पूर्ति की जाती है. नवीकरणीय ऊर्जा प्राकृतिक स्रोतों से आती है. जिन्हें लगातार भरा जाता है. इसलिए वे कभी खत्म नहीं होते. इसमें सूरज की रोशनी, हवा, बारिश, ज्वार, लहरें, बायोमास और पृथ्वी से उत्पन्न होने वाली गर्मी शामिल है. लोगों को इसके बारे में जागरूक करने और इसे बढ़ावा देने के लिए सेमिनार, रैलियां, नुक्कड़ नाटक और सोशल मीडिया के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा के बारे में समुदायों के बीच जागरुकता पैदा की जा सकती है. इसके अतिरिक्त रवि रंजन कुमार, सहायक शिक्षक शैलेश कुमार, प्रतिभा मिश्रा और आशुतोष आनंद ने भी अपनी बातें रखी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है