मधुबनी. हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है, ताकि रक्तदान के महत्व को बढ़ावा दिया जा सके. यह स्वैच्छिक रक्तदाताओं का ध्यान जीवन व मानवता का जश्न मनाने के लिए आकर्षित करने का एक साधन है. यह दिन न केवल लोगों को रक्तदाताओं को उनके दयालु कार्यों के लिए धन्यवाद देने में मदद करता है, बल्कि यह सुरक्षित रक्तदान प्रथाओं के बारे में जागरूक भी करता है. शनिवार को सदर अस्पताल में विश्व रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा. इसमें एनसीसी कैडेट्स, सखी बहिनपा मैथिलानी समूह एवं सम्राट अशोक संस्था के सदस्य रक्तदान करेंगे. विश्व रक्तदाता दिवस 2025 थीम “रक्त दें, आशा दें. साथ मिलकर हम जीवन बचाते हैं ” रखा गया है. यह थीम रक्तदाताओं के जीवन-परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डालता है. ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. कुणाल कौशल ने लोगों से मिथक तोड़ रक्तदान करने की अपील की. उन्होंने कहा कि रक्तदाता रक्तदान कर खुद को स्वस्थ रखने के साथ दूसरों की जान भी बचाते हैं. रक्तदान से हर्ट अटैक के खतरे से भी बचाव होता है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार रक्तदान करने वालों को कई तरह की सुविधाएं भी दी जा रही हैं. जरूरत है कि लोग बढ़ चढ़ कर रक्तदान करें. एक स्वस्थ्य व्यक्ति 18 साल की उम्र के बाद से रक्तदान कर सकता है. उसका वजन 45 से 50 किलोग्राम से ज्यादा होना चाहिए. इसके अलावा रक्तदान करने वाले को एचआईवी, हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस सी जैसे रोग नहीं हुआ हो. रक्तदान करने वाले को शरीर में आयरन की मात्रा को बढ़ाना चाहिए. नियमित रूप से रक्तदान करने वालों को मछली, पालक व किशमिश जैसी आयरन से भरपूर
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