केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने पीएम मोदी को लेटर लिखा है. उन्होंने भागलपुर में इसकी स्थापना किए जाने को लेकर अपने लेटर में लिखा है कि भागलपुर जैसे ऐतिहासिक शहर को पीएम मित्र योजना में शामिल करने से न केवल बिहार के आर्थिक विकास को नई दिशा देगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण योगदान सिद्ध होगा.
भागलपुर में हैं 50,000 से अधिक बुनकर: चिराग
आज भी भागलपुर में लगभग 50,000 से अधिक बुनकर परिवार प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस उद्योग से जुड़े हुए हैं. पारंपरिक हथकरघा, प्राकृतिक रंगों का उपयोग, और उच्च गुणवत्ता वाली तसर रेशम की बुनाई जैसी विशिष्टताएं इस क्षेत्र को अन्य क्षेत्रों से अलग बनाती हैं. यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां विरासत, कौशल और प्राकृतिक संसाधनों का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है.
लेकिन दुर्भाग्यवश, समय के साथ वैश्विक तकनीकी विकास और संगठित अवसंरचना के अभाव ने इस क्षेत्र की चमक को मंद कर दिया है. छोटे बुनकरों को आज भी बाजार, वित्तीय सहायता और तकनीकी उन्नयन तक सीधी पहुंच नहीं है. यदि समय पर आवश्यक औद्योगिक अवसंरचना प्रदान की जाए, तो भागलपुर न केवल देश में बल्कि वैश्विक मंच पर भारत के वस्त्र निर्यात का अग्रणी केंद्र बन सकता है.

देश के इन 7 राज्यों में बन रहा टेक्सटाइल पार्क
पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क योजना के तहत केंद्र सरकार देश में सात जगहों पर मेगा टेक्सटाइल पार्क बनाएगी. पार्क बनाने के लिए जिन राज्यों को चुना गया है, उसमें महाराष्ट्र, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात का नाम शामिल है. बिहार का नाम इस सूची में नहीं है.

बिहार से आते हैं देश के कपड़ा मंत्री
आपको बता दें कि देश के कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह बिहार के ही रहने वाले हैं. वह इस वक्त बेगूसराय के सांसद भी हैं. वहीं, पिछले दिनों जब उनसे सवाल किया गया कि वो बिहार को टेक्सटाइल पार्क क्यों नहीं मिला? इस पर उन्होंने कहा कि जिन राज्यों ने क्राइटेरिया को पूरा किया है उसे ये पार्क दिया गया है.
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राजद ने चंपारण में किया था टेक्सटाइल पार्क बनाने का मांग
बता दें कि भागलपुर में टेक्सटाइल पार्क बनाने को लेकर पहले से राजनीति हो रही है. राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद संजय यादव ने मीडिया को बताया कि तेजस्वी यादव की 𝟏𝟕 महीनों की महागठबंधन सरकार में जब उद्योग विभाग राजद कोटे में था, तब चंपारण के चनपटिया में 𝟏𝟕𝟎𝟎 एकड़ जमीन चिह्नित कर बिहार में टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया था. बिहार सम्पूर्ण क्राइटेरिया पूरा करता है. फिर भी केंद्र ने कोई भी टेक्सटाइल पार्क बिहार को नहीं दिया.