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Motihari : हेपेटाइटिस बी से बचाव के लिए जरूरी है जागरूकता : सिविल सर्जन

जिले को लोगों को हेपेटाइटिस जैसे गंभीर बीमारी से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है.

Motihari : मोतिहारी.जिले को लोगों को हेपेटाइटिस जैसे गंभीर बीमारी से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है. सदर अस्पताल मोतिहारी सहित अनुमंडलीय अस्पताल में लोगों के हेपेटाइटिस बी के अलावे कई प्रकार की जांच निःशुल्क की जा रही है. इस गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रह सकें. सीएस डॉ रविभूषण श्रीवास्तव ने बताया कि जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 28 जुलाई को “विश्व हेपेटाइटिस बी ” दिवस मनाया जाता है. जो एक सप्ताह 4 अगस्त तक मनाया जायेगा, जिसमें हेपेटाइटिस बी की जांच की जा रहीं है. कहा कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में टीकाकरण केंद्रों पर नवजात शिशुओं को इसके प्रति सुरक्षित करने के उद्देश्य से निःशुल्क लगायी जाती है. स्वास्थ्य प्रबंधक कौशल दुबे ने कहा कि हेपेटाइटिस वायरस के कारण होने वाला एक तरह का संक्रमण है, जो प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है. जिस कारण लिवर सिरोसिस, लीवर कैंसर एवं ह्रदय आघात का खतरा बढ़ जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो प्रति वर्ष पूरे विश्व में लगभग 9 लाख से अधिक लोगों की मौत हेपेटाइटिस “बी ” संक्रमण से होती है. डॉ सोनाली गुप्ता ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को हेपेटाइटिस का खतरा होता है, खासकर हेपेटाइटिस बी और सी का. गर्भावस्था के दौरान, हेपेटाइटिस का संक्रमण मां से बच्चे में फैल सकता है, जिससे बच्चे को भी यह बीमारी हो सकती है, इसलिए प्रसव पूर्व जांच कराते रहें. मौके पर मदन मोहन झा, संजीव कुमार, चांदसी कुमार, धीरज कुमार, आदित्य कुमार, मो. कमाल, अमरेंद्र कुमार आदि उपस्थित थे.

हेपेटाइटिस बी से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी

हेपेटाइटिस ए वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है और दूषित पानी या भोजन के सेवन से फैलता है. मतली, उल्टी, दस्त, निम्न-श्रेणी का बुखार और लीवर एरिया में दर्द कुछ ऐसे लक्षण हैं. जिन पर ध्यान देना जरूरी होता है. हेपेटाइटिस बी वायरस संक्रमित खून, वीर्य और शरीर के अन्य तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है. जन्म के दौरान भी संक्रमित मां से उसके बच्चे में वायरस के ट्रांसमिशन की संभावना अधिक होती है. हेपेटाइटिस बी वायरस लक्षण प्रकट होने से पहले छह महीने तक शरीर में निष्क्रिय रह सकता है. इसलिए अत्यधिक थकान, भूख न लगना, पीलिया, लीवर एरिया में दर्द, मतली और उल्टी जैसे लक्षणों से सावधान रहना और जल्द से जल्द हेपेटाइटिस का टेस्ट करवाना अनिवार्य है.

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