Motihari: मधुबन. कालाजार रोग के उन्मूलन के लिये गुरुवार को सीएचसी के सभागार में ग्रामीण चिकित्सकों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. रोगियों की खोज व इलाज में सक्रिय भूमिका निभाने के साथ ही मुख्य सूचना प्रदाता बनने पर 500 रुपये की सहायता राशि दी जायेगी.डॉ संतोष रंजन के अध्यक्षता में कालाजार के मुख्य सूचना प्रदाताओं का प्रशिक्षण भीबीडीसी अभिषेक कुमार व भीबीडीएस शरद रतन व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा दिया गया.कालाजार रोग के लक्षण,बचाव एवं उपचार के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी.बताया गया की 15 दिनों से ज्यादा बुखार होने पर पीड़ित का जांच करना जरूरी है.15 दिन से ज्यादा समय के बुखार वाले मरीज हो तो उसे सरकारी अस्पताल में भेजना है.जिसका जांच किया जायेगा.जांच में पॉजिटिव पाये जाने पर इलाज शुरू होगा.कालाजार मरीज को दी जाती है 7100 रुपये की राशि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ इंद्रजीत कुमार ने बताया कि पीकेडीएल के मामले में 84 दिनों तक दवा का सेवन जरूरी होता है,वही भीएल होने पर इसका एक ही दिन में इलाज किया जाता है. कालाजार के मरीजों को सरकारी अस्पताल में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि देती है.पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा हजार रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने का प्रावधान है.मौके पर स्वास्थ्य प्रबंधक अनिल कुमार,बीसीएम गौरव कुमार,जीविका के मनोज कुमार सिंह,यूनिसेफ बीएमसी मनोज कुमार सिंह,विकाश कुमार वर्मा,सुमित कुमार,रामजी पंडित,चंदन कुमार,बिरजू ठाकुर,नवल कुमार यादव,नगीना साह,उपेन्द ठाकुर आदि मौजूद थे.
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