Motihari: मोतिहारी. कालाजार उन्मूलन अभियान को लेकर भीबीडीएस व स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन हुआ. कार्यशाला में डब्ल्यूएचओ के जोनल को ऑर्डिनेटर डॉ. माधुरी देवराजू ने बताया कि कैसे कालाजार मरीजों की घर-घर खोजना है. संभावित मरीज को आसपास के स्वास्थ्य केंद्र में लाकर उनकी जांच कराना और कालाजार प्रभावित होने पर उसका सही इलाज कराना है. फॉकल स्प्रे पर चर्चा करते हुए कहा गया कि पूर्व में कालाजार को लेकर जिला के सभी प्रखंडों में दो बार दवा का छिड़काव कराया गया है. फॉकल स्प्रे वहां कराना है जहां या जिस घर में कालाजार के मरीज पाए जाएं. फॉकल स्प्रे के तहत पीड़ित मरीज के घर के 500 मीटर की परिधि में दवा का छिड़काव कराना है. ताकि कालाजार की वाहक बालू मक्खी दूसरे को संक्रमित न करे. कहा कि बालू मक्खी 250 मीटर से अधिक दूरी तक उड़ नहीं सकती है. इसलिए 500 मीटर के दायरे में स्प्रे कराने से बालू मक्खी दूसरे को कालाजार से संक्रमित नहीं कर सकेगी. कालाजार को लेकर चलने वाले विशेष अभियान की जानकारी दी गई और इसमें पूर्ण सहयोग देने का निर्देश दिया गया. धर्मेंद्र कुमार भीडीसीओ ने बताया कि जिले में कालाजार के 3 भीएल और 1 पीकेडीएल मरीज है. मौके पर गौतम कुमार, पिरामल स्वास्थ्य के जिला प्रतिनिधि मुकेश कुमार, सिफार से विनोद श्रीवास्तव, सिद्धांत कुमार, भीबीडीएस ओमकारनाथ, सुमन कुमार, आरती कुमारी, सदर पीएचसी के विनोद कुमार, पप्पू कुमार, बिट्टू कुमार व अन्य लोग उपस्थित थे.
कालाजार से बचाव को सावधानी जरूरी
सीएस डॉ रविभूषण श्रीवास्तव ने बताया कि अभी भी कालाजार के प्रति लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. इस बीमारी से बचाव के लिए हमेशा सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है. सभी लोगों को हमेशा बीमारी से बचाव के लिए सजग रहना चाहिए और जिस व्यक्ति में लक्षण दिखे, उन्हें तुरंत जाँच कराने के लिए प्रेरित करना चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है