मोतिहारी. जिले में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा 15 जुलाई से 14 सितंबर 25 तक मनाया जायेगा. डीसीएम ने बताया की पखवाड़ा को मनाने का मुख्य उद्देश्य जिले में दस्त के कारण होने वाली शिशु मुत्यु के शून्य स्तर को प्राप्त करना है. कहा कि 13 प्रतिशत तक मौत डायरिया के कारण होती है और इनमें से अधिकांश मौत ग्रीष्म और मानसून के मौसम में होती हैं. डायरिया से होने वाली मुत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है. ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग से डायरिया से होने वाली मुत्यु को टाला जा सकता है. सिविल सर्जन डॉ रविभूषण श्रीवास्तव ने कहा कि ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग, दस्त के दौरान होने वाले दिक्क़तो में काफ़ी असरदार है. आवश्यकतानुसार जिंक एवं ओआरएस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को उपलब्ध कराया जा रहा है. पखवाड़े के आयोजन को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक बच्चों को जिंक और ओआरएस उपलब्ध करायी जा सके.
मौसम में लगातार हो रहे बदलाव से रहे सर्त्तक
मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है. जिसके कारण जहां सर्दी-खांसी, जुकाम समेत अन्य मौसमी बीमारी आम हो गई है. वहीं, इसके साथ डायरिया की भी संभावना बढ़ गई है. ऐसे में हमें विशेष सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है.सीएस ने कहा कि डायरिया से बचाव को लिए लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए. दरअसल, बदलते मौसम में डायरिया के प्रकोप में आने का प्रबल संभावना हो जाती है. जिसके दायरे में कोई भी यानी सभी आयु वर्ग के लोग आ सकता है.डीआईओ डॉ एससी शर्मा ने कहा की नवजात बच्चों को दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी आयु के अनुसार स्तनपान, ऊपरी आहार और भोजन जारी रखा जाना चाहिए. पीने के लिए साफ और सुरक्षित पेयजल का उपयोग करें.
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